बता दें, सेक्टर चार स्थित पेट्रोल पंप के पास मकान संख्या 1149 पर ग्राउण्ड फ्लोर पर दुकानें बनी हुई थी और अब यहां जो निर्माण चल रहा है उसकी स्वीकृति तक नहीं है। वार्ड 27 के पार्षद लवदेव बागड़ी ने निगम के भवन व अतिक्रमण विभाग स्टाफ को मौखिक रूप से बताया। जब कुछ नहीं हुआ तो बागड़ी ने 5 मार्च को निगम के आयुक्त अंकित कुमार सिंह को लिखित में शिकायत दी। जिसमें प्रथम माले दुकानें बनाने और दूसरे माले पर निर्माण चलने का जिक्र किया गया।
एक साल ही मान्य थी 2009 में दी स्वीकृति निगम की भवन अनुमति के मुताबिक 11 सितंबर 2009 को इस जगह के लिए कुछ शर्तों के आधार पर वाणिज्यिक भवन निर्माण की स्वीकृति दी। अनुमति में लिखा था कि यह स्वीकृति एक वर्ष के लिए मान्य होगी। उसमें यह भी अंकित था कि प्रथम व द्वितीय तल में निर्धारित सेटबैक सामने 30 फीट व तीनों तरफ दस-दस फीट छोडकऱ दुकानें बनाए तथा तीसरे तल पर सामने की तरफ दो शोरूम बनाए व पीछे की तरफ खुली छत रखे।
READ MORE : सांसद जी.. आपके गांव के ये हैं हाल..क्या ऐसे ही बनता है आदर्श गांव.. 15 दिन से घूमती रही फाइल फाइल अतिक्रमण शाखा में गई। वहां से मौका पर्चा बनाया तो सामने आया कि 2009 की स्वीकृति ले रखी है जो एक साल के लिए ही थी। अतिक्रमण शाखा से नोटशीट चली कि निगम के निर्देशों के तहत यह स्वीकृति 2005 के बाद की है ऐसे में इस पर कार्रवाई भवन अनुमति सेक्शन के अधीन है लेकिन वहां उसे किनारे पटक दिया।
निगम में कोई जवाब देने वाला नहीं इधर, इस बारे में नगर निगम ने चुप्पी साध रखी है। डीटीपी करीमुद्दीन से जानकारी चाही तो वे बोले मुझे पता नहीं, आयुक्त अंकित कुमार सिंह ने कॉल ही रिसीव नहीं किया, उनको एसएमएस भी किया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।
जनता को क्या जवाब दूं
लोगों की रोज शिकायतें आ रही थी, उनको क्या जवाब दूं? निगम को कई बार मौखिक बता दिया, आयुक्त को भी लिखित में दिया। लेकिन, यहां छत डालने की तैयारी हो चुकी है। भवन अनुमति की स्वीकृति का नवीनीकरण नहीं कराया तो कैसे निर्माण हो सकता है?
– लवदेव बागड़ी, पार्षद