बंद पड़ी ईंट भट्टा चिमनी में काफी दिनों से हलचल हो रही थी। ग्रामीणों को संदेह हुआ तो पूछताछ की। शुरुआत में बताया गया कि पशु आहार बनाया जा रहा है। मौके पर जीरे जैसी दिखने वाली सामग्री थी। ग्रामीणों को नकली खाद्य पदार्थ बनाने की आशंका हुई तो पुलिस और खाद्य निरीक्षक को सूचना दी। दोनों महकमों की टीमें दो दिन पहले मौके पर गई, लेकिन तब तक कार्य संचालक और मजदूर भाग चुके थे।
READ MORE: video: नाकाबंदी तोड़ कर भागा कोयले से भरा ट्रेलर पलटा, कोयले के ढेर में दबे कांस्टेबल, हुए घायल इस संबंध में भट्टा मालिक से पूछताछ की गई तो पता चला कि गुजरात के ऊंझा निवासी व्यापारियों ने क्षेत्र को किराये पर लिया था। पुलिस और खाद्य निरीक्षक ने व्यापारी से फोन पर संपर्क किया तो उसने उदयपुर शहर जाना बताया। खाद्य निरीक्षक ने उदयपुर में मिलने को कहा, लेकिन व्यापारी बिना मिले ही गुजरात चला गया। जांच में मौके पर कट्टे में सामग्री और ड्रम मिले।
तीन दिन में भी स्थिति स्पष्ट नहीं
शिकायत पर पुलिस और उदयपुर से खाद्य निरीक्षक की टीम तीन दिन पहले पहले पहुंची थी। घटनाक्रम को तीन दिन बीत गए, लेकिन अभी तक पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर पाई की यहां क्या बनाया जा रहा था।
शिकायत पर पुलिस और उदयपुर से खाद्य निरीक्षक की टीम तीन दिन पहले पहले पहुंची थी। घटनाक्रम को तीन दिन बीत गए, लेकिन अभी तक पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर पाई की यहां क्या बनाया जा रहा था।
सूचना पर मौके पर गए थे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। मौके पर पाउडर जैसा पदार्थ और घास आदि मिले। कट्टे में जीरे जैसी दिखने वाली सामग्री पड़ी मिली। कट्टे पर खाद्य पदार्थ नहीं होना लिखा था। सारी स्थिति और नियमों के अनुसार सैंपल नहीं लिया जा सका। ऐसे में यह साबित नहीं होता कि बनाई जा रही सामग्री नकली खाद्य पदार्थ होगा। हालांकि कार्य संचालक के मौके से चला जाना और जांच में सहयोग नहीं करना संदेहास्पद लगता है। फोन पर कारोबारी ने मुर्गी दाना बनाना बताया।
– अनिल भारद्वाज, खाद्य निरीक्षक, उदयपुर
– अनिल भारद्वाज, खाद्य निरीक्षक, उदयपुर
सूचना नहीं है
मैं अभी दो दिन से बाहर हूं। ऐसी कोई सूचना नहीं आई है और अगर ऐसा है तो कल ही पता करवाता हूं।
मिठूसिंह, थानाधिकारी, कुराबड़