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उदयपुर

दो साल से नियमों की उड़ रही धज्जियां, बेहिसाब अवैध वसूली

फास्टैग काम नहीं करता है तो टोल से बगैर पैसे दिए गुजर सकती हैं गाडिय़ां, फास्टैग से पैसा कटने के बाद भी टोल नाके ऑफलाइन वसूल रहे हैं शुल्क
 

उदयपुरJan 15, 2020 / 10:06 pm

jitendra paliwal

दो साल से नियमों की उड़ रही धज्जियां, बेहिसाब अवैध वसूली

दो साल से नियमों की उड़ रही धज्जियां, बेहिसाब अवैध वसूली

उदयपुर. राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की ओर से बनाए राष्ट्रीय राजमार्ग फीस (दर अवराधारण एवं संग्रहण) संशोधन नियम-2018 की अधिसूचना की पालना के लिए अब आदेश जारी किए हैं, लेकिन इस अवधि में टोल प्लाजा पर फास्टैग काम नहीं करने पर कैश शुल्क देकर वाहन चालक परेशान हो चुके हैं। इसका कोई हिसाब-किताब न तो टोल प्रबंधनों के पास है और न ही इस पैसे को रिफण्ड करने को लेकर सरकार ने कोई गाइड लाइन जारी की है। पढ़े-लिखे लोग भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अब भी शिकायत के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। टोल की मनमानी पर कोई लगाम लगाने वाला नहीं है।
राज्य सरकार ने बुधवार से टोल प्लाजा पर फास्टैग को लेकर नए निर्देश जारी किए। ये निर्देश भारत सरकार के उस कानून के तहत जारी हुए हैं, जिनकी अधिसूचना केन्द्र सरकार ने 7 मई, 2018 को ही जारी कर दी थी। संशोधित कानून के गजट नोटिफिकेशन में यह साफ लिखा था कि यह कानून इसके प्रकाशन की तारीख से ही प्रभाव में आ जाएगा और नियम उसी दिन से लागू होंगे। अफसोस है कि न तो सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसे लेकर आम लोगों को जागरूक किया और न ही जागरूक लोगों की आपत्तियों और शिकायतों की मंत्रालय या उसके ठेकेदार या टोल प्रबंधनों ने सुनवाई की। टोल नाकों पर फास्टैग लागू होने के बाद अब भी समस्या सुनने के लिए कोइ्र तैयार नहीं हैं।
– यह था संशोधित नियम
अगर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से पथकर संग्रहण (ईटीसी) यानि फास्टैग के जरिये टोल पर किसी तकनीकी समस्या के चलते आप अपने खाते में उपलब्ध पर्याप्त पैसे में से तय टोल का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो टोल नाके पर आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह उसी शर्त पर होगा, जब आप टोल नाके की फास्टैग लेन से गुजरे हैं। ऐसा करने पर बाकायदा वाहन चालक को शून्य भुगतान की रसीद देने का भी प्रावधान किया गया था। राज्य सरकार ने बुधवार से नेशनल हाइवे के टोल नाकों पर कैश भुगतान के लिए अब एक ही कैशलाइन खुली रखने के आदेश दिए हैं।
– अब तक कई बार हुआ यह
उदयपुर सम्भाग के टोल नाकों पर इस सम्बंध में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिन पर एनएचएआइ के अधिकारी मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई या सख्ती करने से बच रहे हैं। कई वाहन चालक शिकायत कर चुके हैं कि फास्टैग में घुसने पर सिस्टम काम नहीं करने की स्थिति में उनसे कैश भुगतान करने को कहा गया। जब वे कैश भुगतान कर रसीद लेकर वहां से गुजरे तो पता चला कि थोड़ी देर बाद उनके फास्टैग बैलेंस से भी पैसा कट गया। दोहरे भुगतान की स्थिति में उनके पास न केवल ठगी हुई, बल्कि भारत सरकार के कानून की भी अवहेलना हुई। जिन लोगों का दोहरा भुगतान हुआ, उनका पैसा लौटाने को लेकर भी कोई गाइड लाइन या निर्देश सरकार ने नहीं दिए हैं। ऐसे में टोल नाकों पर मनमानी हो रही है।
– फास्टैग से वसूली एक नजर में (एनएचएआइ के ताजा आंकड़े)
– एनएचएआई 86.2 करोड़ रुपए प्रतिदिन टोल संग्रह कर रहा है जनवरी 2019 के 23 करोड़ की तुलना में
– जनवरी, 2020 में प्रतिदिन लगभग 30 लाख भुगतान फास्टैग के जरिये, जो जुलाई-2019 में 8 लाख था
– जयपुर क्षेत्र में जोधपुर टोल प्लाजा ने फास्टैग को लेकर अन्य इलाकों से बेहतर प्रदर्शन किया है, लगभग 91 प्रतिशत टोल संग्रह फास्टैग से हो रहा है
– 1 करोड़ से अधिक फास्टैग अब तक जारी किए जा चुके हैं
– 527 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर देशभर में फास्टैग से कर संग्रहण किया जा रहा है।

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