इस अभियान में गणित और विज्ञान के पन्नों से डरावना भूत भगाने और इन दो विषयों से डरने वाले विद्यार्थियों को इससे जोडऩे के लिए नई चार दीवारों से बाहर की कक्षा की शुरुआत की गई थी, उद्देश्य शिक्षकों और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, वैज्ञानिक अन्तदृष्टि पैदा कर रचनात्मकता की ओर मोडऩा है। इसके तहत विज्ञान व गणित में रुचि लेने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करनाए उनके अन्तर विकसित होने वाली तकनीक का प्रभावी उपयोग करनाए उन्हें जरूरी सहयोग देकर अकादमिक उत्कृष्टता व अनुसंधान को बढ़ाना है।
ये है विशेष उद्देश्य
– इस चरणबद्ध अभियान की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे ए कलाम की कल्पना से हुई, इस बार मंत्रालय इसमें कई नई तैयारी लेकर आया है। – विद्यालय में कक्षा की सीमित परिधि के बाहर निकलकर बच्चों के मन में वैज्ञानिकता की शुरुआत करना है।
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– राज्य में विज्ञान इक्स्कर्शन विजिट- 4515 विद्यार्थी, 15 विद्यार्थी प्रति ब्लॉक
– राज्य से बाहर एक्स्पोजर भ्रमण- 165 विद्यार्थी . विद्यालय में विज्ञान व गणित कीट उपलब्ध करवाना- 1505 स्कूल, 5 स्कूल प्रति ब्लॉक
. प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक विज्ञान प्रदर्शनी व मेला-एक लाख रुपए प्रति जिला बजट
पूरे राज्य में प्रश्नोत्तरी के लिए सरकार आरएससीईआरटी को साढ़े आठ लाख रुपए जारी करेगी, प्रत्येक जिले को 25 हजार दिए जाएंगे।
मापदण्ड
– हर खण्ड के 15 विद्यार्थियों का चयन होगा – एक स्कूल से एक ही विद्यार्थी
– भ्रमण में हर विद्यार्थी गणवेश में जाएगा।
….. भ्रमण स्थल – विज्ञान पार्क, कल कारखानों जहां साइकिल, स्कूटर, रेल कार बनते हों। दूध डेयरी, कृषि फार्म, सिंचाई प्रणाली, रेडियो स्टेशन, बेकरी, टीवी स्टेशन, तारा मंडल, विज्ञान संग्रहालय में ले जाया जाएगा।
आयोजनों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। वाकई विज्ञान व गणित दो विषय ऐसे हैए जो केवल कक्षा में बैठकर नहीं पढ़ाए जा सकते। इसमें रोचकता जरूरी है।