भाभोर ने स्टाफ से कहा कि हमारे बच्चों को संभालो, मैं जल्द फिर आऊंगा। भवन में चल रहे निर्माण को देखते हुए उन्होंने कहा कि इसकी सफाई कम है। इस दौरान उन्होंने अतिरिक्त कक्षा पढक़र बाहर आई छात्राओं के साथ फोटो खिंचवाते हुए कहा कि खूब हंसो, खाना खाते हो कि नहीं, क्या बनना है यह भी तय कर लो। इस दौरान कुछ छात्राओं ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई। इस पर मंत्री ने कहा कि वैसे भी डॉक्टर कम है, जितने बने उतना अच्छा। मेधावी छात्रा पुष्पा मीणा से मिलकर उन्होंने खुशी जताई।
मंत्री ने मॉडल स्कूल में कहा कि पूरे देश में इस तरह के छात्रावास एक ही रंग और एक जैसे होने चाहिए। गुजरात में ये अलग तरीके के बने हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को मॉडल स्कूल में छात्राओं के लिए डायनिंग टेबल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस स्कूल के परीक्षा परिणाम को बेहतर बताया। उन्होंने वार्डन से पूछा कि क्या प्रधानाचार्य मैडम छात्रावास को कभी देखने आते हैं, उस पर वार्डन ने कहा कि जी…तो मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे सब पता है, मैं शिक्षक से ही मंत्री बना हूं।
मंत्री ने स्कूल के बाहर रखे स्टील के घडे़ देखकर प्रधानाचार्य से कहा कि मैडम तत्काल इन्हें हटवाकर वाटर कूलर की व्यवस्था करो। ७० साल पहले एेसे में पानी पीते थे बच्चे, अब नहीं। उन्होंने खिडक़ी का कांच बदलने एवं बाहर का बोर्ड तत्काल ठीक करवाने के निर्देश भी दिए।
केन्द्रीय जनजाति राज्यमंत्री भाभोर ने प्रदेशभर से आए जनजाति विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली। सर्किट हाउस में हुई इस समीक्षा बैठक में मंत्री भाभोर ने अधिकारियों को जनजाति समाज के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास पर संवेदनशीलता के साथ काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र औऱ राज्य की सरकारें जनजाति समाज के हरसंभव विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जनजाति समाज के लोगों के विकास के लिए संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जमकर तारीफ की। इसके बाद मंत्री सीधे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और जनजाति क्षेत्रों का दौरा करने के लिए रवाना हो गये।