READ MORE : उदयपुर संभाग की अब तक की सुर्खियों पर डालिए एक नजर, देखिए पत्रिका का डिजिटल बुलेटिन आईआईएम उदयपुर में शनिवार को जोश टॉक्स के माध्यम से एक आयोजन हुआ जिसमें उदयपुर की 16 हस्तियों को मौका मिला कि उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों के अनुभवों को शेयर किए, तो कुछ ने अपनी मधुर आवाज का लोहा मनवाया।
ये है जोश टॉक्स
जोश टॉक्स एक भारतीय मीडिया कंपनी है जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। यह भारत भर में सम्मेलनों का आयोजन करता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्र की हस्तियां प्रेरक बातचीत करते हैं। खास तौर पर युवा को तवज्जो दी जाती है। जोश टॉक्स ने 2014 में दिल्ली और बेंगलूरु में सम्मेलनों के जरिये अपना सफर शुरू किया।
सम्मेलनों में सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमियों, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, प्रशासक, खिलाड़ी, लेखक, संगीतकार, अभिनेता और अन्य कलाकार को वक्ताओं के रूप में शामिल किया जाता है। गत सत्रों में
बोमन ईरानी , ??अनुराग कश्यप, सोनम वांगचुक, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, ज़िशन कड़द्री और अंकुर वारिकू जैसे लोग जोश टॉक्स में अपनी वार्ता दे चुके हैं।
उदयपुर में ये थे स्पीकर
जयकुमार ने बताया कि वे छोटी अंडा स्टॉल के मालिक से मास्टर शेप तक कैसे पहुंचे। उन्होंने अंडों के ५० व्यंजन तैयार किए। सर्टिफाइड फिटनेस एक्सपर्ट विन्दिप मेठानी ने फिटनेस को लेकर जुनून का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में कमाने के लिए क्या-क्या करता है, लेकिन वह सफलता के सोपान चढ़ते हुए स्वास्थ्य को भूल जाता है।
पवनदास वैष्णव एक टी स्टॉल मालिक के बेटे हैं। वार्ता में उन्होंने बताया कि कैसे वकील बनने तक का सफर तय किया। अब भी वे चाय की दुकान चलाते हैं। सोश्यल चेंजमेकर राहुल दुबे ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने जीवन को दिशा देकर समाज में बदलाव लाने में योगदान दें।
राजस्थान बोर्ड परीक्षा के टॉपर नेत्रहीन लोकेश भील ने कहा कि शायद अपने जीवन में समस्याएं देखी होंगी, मगर अच्छी बात यह है कि मैं उन्हे देख नहीं सकता। ब्यूटी पिजेन्ट जज प्रीति सोलंकी ने चर्चा में बताया कि कैसे उन्होंने एक गंभीर बीमारी के साथ लडक़र जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि सपने किसी भी उम्र में देखे जा सकते हैं।
मनोज प्रजापत और सुरेन्द्र गंधर्व ने उदयपुर में भोजनालय के सफल संचालन के गुर साझा किए। भारत के पहले महिला गश्ती दल के सदस्यों तुलसी डांगी और धर्मा ने महिला सशक्तिकरण और साझा घटनाओं पर चर्चा की। महिला सुरक्षा पर योगदान को लेकर बात की।
पीयूष पालीवाल ने लग जा गले…गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिमांशु जैन ने सफल रेडियो जॉकी बनने की कहानी सुनाई। उन्होंने अपने ठेठ मजाकिया अन्दाज में खूब बातें की। वे कई टीवी चैनलों के लिए वॉयस ओवर कलाकार के रूप में काम कर चुके हैं।
राजस्थान की सबसे युवा स्केटर सात वर्षीय लब्धि सुराणा ने कहा कि सफलता के लिए उम्र कभी बाधा नहीं रही। इससे पहले उसके पिता ने कई घटनाओं के माध्यम से अपनी भावनाएं जताई। उद्यमी
कपिल शर्मा ने नौकरी से वंचित उम्मीदवारों को कैसे
रोजगार दिया जाए, इस पर चर्चा की।
दुर्यिया कपैसी ने ब्लड कैंसर जैसी बीमारी को कैसे हराया, इस पर बात की। वे अपने छोटे फोन पर पूरी किताब लिखती है। राजस्थान की पहली इंजीनियर सरपंच कविता जोशी ने कैसे सोभागपुरा गांव की किस्मत बदली, इस पर बात की।
मनोवैज्ञानिक डॉ शिखा शर्मा ने प्रेरणादायक कहानी सुनाई कि कैसे उन्होंने डिस्लेक्सिया की चुनौती को उखाड़ा फेंका। उनका कहना है कि समस्याएं पूर्ण नहीं, केवल अल्पविराम हैं। इतिहास शिक्षक मोहम्मद रंगरेज ने केबीसी विजेता बनने की सफलता में बहन की भूमिका पर भावनात्मक बात की।