पशुचिकित्सालय संकुल नवानिया में पशुओं के लिए चिकित्सा संबंधित उपकरण तो लगे हुए है लेकिन पिछले कई वर्षो से उचित रखरखाव और अनदेखी के चलतें सही उपयोगी साबित नही हो रहे है इससे क्षैत्र के पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। कहने को तो उपखण्ड मुख्यालय का सबसे बडा पशुचिकित्सालय और पशुविज्ञान केन्द्र है लेकिन यहां अनदेखी के कारण पशुओं को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नही हो पारही है। इसलिए इसका खामियाजा देखा जाए तो कहीं न कहीं पशुपालको को ही भुगतना पड रहा है।
पशुचिकित्सालय संकुल की एक्स रे मशीन 5 वर्ष से खराब उपखण्ड मुख्यालय के सबसे बडे नवानिया पशुचिकित्सालय संकुल में पशुओं के उपचार करने के लिए लगाई गई एक्स रे मशीन पिछले 5 वर्ष से खराब पडी हुई है। खास बात तो यह है की सरकार द्वारा पशुओ के बेहतर ईलाज के लिए संकुल में लगाई गई एक्स रे मशीन की उचित देखभाल नही होने से मशीन खराब हो गई और उसको आज दिन तक सही नही करवाया गया जिससे पशुओं के गंभीर घायल होने की स्थिति में बिना एक्सरे ही पशुओ का उपचार किया जाता है या फिर पशुओ के उदयपुर के लिए रेफर किया जाता है जिससे पशुपालको को समस्या होती है।
वहीं पशुओं को लाने ले जाने वाली ट्रोली भी करीब एक माह से खराब हो रही है ऐसे हालात में पशुपालको को पशुओ के उपचार करवाते समय भारी समस्याओ का सामना करना पडता है। इसके साथ इंजेक्षन स्टे्ररिलाइजेशन मशीन काफी समय से खराब पडी होने से उपचार करने के बाद इंजेक्षन निडल को बिना डिस्ट्रोय करें डाल दिया जाता है जिससे कई हानिकारक किटाणू फैलने का अनुमान लगाया जासकता है।
पशुपालको के लिए नही है छाया पानी के इंतजाम पशुचिकित्सालय में आने वाले पशुपालको के लिए छाया पानी के इंतजाम इस बडे पशुचिकित्सालय में नही होने से इस भीषण गर्मी में पशुपालको को भारी समस्या उठानी पडती है ऐसे में पशुचिकित्सालय संकुल में लगा हुआ वॉटर आरओ मशीन भी खराब पडी हुई है जिससे पशुपालको को करीब एक किमी दूर बाहर हॉटल पर आकर पानी पिना पडता है। वही छाया की व्यवस्था नही होने से पशुपालको को संकुल के आस पास पेड पौधो की छाया में शरण लेने के लिए मझबुर होना पड रहा है या फिर पार्किंग स्थल पर लगे टीनशेड के नीचे बैठना पडता है।
संकुल में भर्ती पशुओ के पालको के लिए नही है ठहरने की व्यवस्था पशुचिकित्सालय संकुल में कभी कभार गंभीर पशुओं को भर्ती करने की स्थिती के दौरान पशुपालको के लिए संकुल में ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से पालकों को समस्या होती है। इस स्थिती में कई दिनों तक पशुओं के भर्ती रहने पर पशुपालकों को रात के समय संकुल के बाहर खुले में ही सोने के लिए विवश होना पडता है। ऐसे में संकुल के आस पास के गॉवों के पशुपालक तो रात के समय घर पर आ जाते है लेकिन दूर दूर के पशुपालको को तो संकुल के बाहर ही रात गुजारनी पडती है।
इन गॉवों से पशुपालक आते है उपचार करवाने उपखण्ड मुख्यालय के सबसे बडे पशुचिकित्सालय संकुल में वल्लभनगर, नवानिया, करणपुर, भटेवर, महाराज की खेडी, करणपुर, दरौली, किकावास, रूण्डेडा, नेतावला, इंटाली, ढावा, ढिमडा, रणछोडपुरा, खेरोदा, खरसाण, मेनार, मोडी, बाठरडा, भंवरासिया और भीण्डर तक के पशुपालक पशुओ का उपचार करवाने आते है वही दूर दराज के गॉवों कसबो में मंगलवाड, निम्बाहेडा, नाथद्वारा, निकुंभ सहित कई जगहो से अश्व, भैंस पशुपालक आते है।