मनोरोगी को बांधकर रखना कानूनी अपराध
– मानसिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार की नि:शुल्क सुविधा
मनोरोगी को बांधकर रखना कानूनी अपराध
उदयपुर. चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की उदयपुर इकाई की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उथरदा में आयोजित मनोरोग व नशा मुक्ति शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश गौचर ने बताया कि मनोरोगी को घर पर चेन या रस्सी बांधकर रखना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। रोगी के माता-पिता की ओर से या फिर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से रोगी को मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं और रोगी को आवश्यक उपचार की सुविधा मुहैया कराएं। सरकारी केंद्रों पर ऐसे रोगियों के लिए नि:शुल्क उपचार की सुविधा है। डॉ. गौचर ने एएनएम व आशा कार्यकर्ता को मानसिक रोग जैसे डिप्रेेशन, हिस्ट्रीया, हाइड्रोफोबिया, स्क्रीजोफेनिया, अवसाद, ओसीडी तथा चिन्ता, घबराहट जैसे रोग लक्षणों की भी जानकारी दी। कहा कि ऐसे रोगों के उपचार के लिए मनोचिकित्सक से परामर्श लें। उपचार सुविधा राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है। इस अवसर पर एनएमएचपी टीम ने बैनर व पेम्पलेट आमजन में वितरण भी किए। टीम के सहयोगी पंकज कुमार साइक्रेटिक नर्स, विनोद सेन, सीआरए पवन कुमार एवं अन्य ने शिविर को सफल बनाने में सहयोग दिया।
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