जिले में अधिकांश स्नातक बेरोजगार ऑनलाइन मुख्यमंत्री युवा संबंल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए आवेदन तो कर रहे हंै, लेकिन जांच में इसमें ऑब्जेक्शन लग गया तो उसे पूर्ति करने में ढिलाई सबसे ज्यादा होती है। जिससे जितने आवेदन होते हैं उसमें से आधे तो ऑनलाइन फार्म भरने के बाद भत्ता पाने की आस ही छोडकऱ इसलिए बैठ जाते हैं कि उसकी पूर्ति ठीक से नहीं हो पाती।
बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए सीकर, सवाईमाधोपुर, अलवर, भरपूर और धौलपुर जिले सबसे ज्यादा आगे हंै। यहां का आंकड़ा 8 से 17 हजार तक पहुंच गया है, जो प्रति माह भत्ता उठा रहे हैं। उदयपुर संभाग के डूंगरपुर-बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़ और राजसमंद में तो उदयपुर जिले से भी ज्यादा स्थिति खराब है। उदयपुर में जुलाई तक 226 बेरोजगार लाभान्वित हो रहे थे। आंकड़ा अब बढ़ा जरूर है, लेकिन दूसरे जिलों से तुलना करें तो यह कम है।
वर्ग लाभार्थी भुगतान सामान्य/ओबीसी 955 3162096
अनुसूचित जनजाति 407 1345468 अनुसूचित जाति 268 877000
यह है पात्रता प्रदेश का मूल निवासी बेरोजगार युवा, जिसने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक कर रखी हो। परिवार की वार्षिक आय दो लाख से कम हो। आवेदन के साथ आय प्रमाण पत्र के साथ स्वघोषणा पत्र, आधार, बैंक पासबुक की प्रति संलग्न करनी होती है। पूर्व में इस योजना में 600 रुपए प्रति माह भत्ता मिलता था। मार्च से मौजूदा सरकार ने इसे बढ़ाकर पुरुषों के लिए 3 हजारख् जबकि महिलाओं के लिए साढ़े तीन हजार रुपए कर दिया। यह दो साल तक ही देय है। अधिकतम 35 वर्ष आयु वाला ही इसमें आवेदन का पात्र है
इनका कहना है
निर्मल बुम्बरीया, आवेदक
आवेदन में कुछ खामी रह गई तो मोबाइल पर संदेश मिला, उसे सबमिट किया लेकिन अभी पैसे खाते में नहीं आए है।
बजट की कमी नहीं है। जनजाति क्षेत्र होने से कई युवा पहले किसी न किसी सरकारी अनुदान का लाभ उठा लेते है या आवेदन में कमी है तो उनके ऑब्जेक्शन लगता है। अभी हमने 500 आवेदनों को अप्रूव्ड किया है, ऐसे में जो कोई आवेदक वंचित होगा, उसको अगले माह तक भत्ते का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। जिले के बेरोजगारों में जागरूकता की भी कमी है, यही वजह है कि केवल ढाई हजार के करीब रजिस्टर्ड है।