पत्नी मंजू व पुत्र प्रहलाद मौके पर दौड़े। उस समय मांगीलाल खेत में पड़ा तड़पने लगा। पत्नी व पुत्र उसे उठाकर घर लाए। आसपास दूर तक किसी का मकान व साधन नहीं होने से वे मांगीलाल को अस्पताल कहीं नहीं ले जा सके। रात करीब दस बजे मांगीलाल ने घर पर ही दम तोड़ दिया। इस बीच आरोपित रात को बंदूक लेकर जंगल में भाग निकला। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। अपर लोक अभियोजक गजेन्द्र सिंह सोलंकी ने 20 गवाह व 47 दस्तावेज पेश किए। सुनवाई के दौरान आरोपी जगदीश के माता-पिता पक्षद्रोही हो गए लेकिन मृतका की पत्नी के बयान व एफएसएल रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम-5 के पीठासीन अधिकारी राजपालसिंह ने आरोपी को दोषी माना। न्यायालय ने जगदीश को धारा 302 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए तथा धारा 3/25 में तीन वर्ष की कैद व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।