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उदयपुर

पहले बोला बीमार हूं, हकीकत खंगाली तो कहा मैं तैयार हूं, जानें पूरा मामला

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उदयपुरApr 06, 2019 / 01:51 pm

Sikander Veer Pareek

भुवनेश पण्ड्या/उदयपुर. लोकसभा चुनाव की ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी क्या-क्या कर रहे हैं, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। एमबी चिकित्सालय में गत दस दिनों से रोज करीब 15 से 20 कार्मिक चुनावी ड्यूटी निरस्त करवाने पहुंच रहे हैं। वे खुद को बीमार या किसी पुरानी बीमारी का प्रमाण-पत्र बताकर चुनावी ड्यूटी से मुक्त होना चाह
रहे हैं।

हां कई ऐसे आवेदन आ रहे हैं जिन्हें लौटा रहे हैं
हांं, हमारे पास ऐसे कई आवेदन आ रहे हैं जिन्हें हमारे चिकित्सक लौटा रहे हैं। आश्चर्य तो इस बात का है कि ये ऐसे कार्मिक हैं, जो हमेशा नौकरी पर जा रहे हैं। बिना किसी परेशानी के पूरा जरूरी कार्य पूर्ण कर रहे हैं, इसके बावजूद वे चुनाव ड्यूटी से छूटना चाहते हैं। डॉ रमेश जोशी, उप अधीक्षक महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
यूं खुल रही बहानेबाजी की पोल
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि तीन दिन पूर्व एक कार्मिक बीमार होने के बहाने ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए प्रमाणपत्र बनवाने आया था। उन्हें देखकर लग नहीं रहा था कि वे बीमार हैं, एकदम तंदुरुस्त थे। इस पर उन्हें कहा कि यदि आपकी रिपोर्ट सही आती है और यह लिखकर उच्चाधिकारियों को देंगे तो आप पर कड़ी कार्रवाई होगी। यह कहते ही उन्होंने कहा कि मैं तो कमजोरी में जांच करवाने पहुंच गया था, अब ठीक लग रहा है चला जाऊंगा ड्यूटी पर।
एक चिकित्सक खुद को सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त बताते हुए चुनाव ड्यूटी से मुक्ति चाहता था। जांच में सामने आया कि काफी समय पहले उन्हें यह परेशानी थी, लेकिन नियमित दवाई लेने के कारण वे अब स्वस्थ हो चुके हैं। पूरी जांच के बाद उन्हें चिकित्सकों ने चुनावी ड्यूटी के लिए फिट बताया। हालांकि देर तक वे यह मानने को तैयार नहीं थे कि वे बीमार नहीं हैं।
एक शिक्षक को कई माह पूर्व घुटने पर चोट लगने पर प्लास्टर चढ़ा था। प्लास्टर उतरे कई महीने हो गए। उन्होंने चुनाव से मुक्ति के लिए आवेदन किया तो मेडिकल बोर्ड ने उनकी जांच की। जांच में सामने आया कि वह पूरी तरह फिट हैं।
यूं खुल रही बहानेबाजी की पोल

एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि तीन दिन पूर्व एक कार्मिक बीमार होने के बहाने ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए प्रमाणपत्र बनवाने आया था। उन्हें देखकर लग नहीं रहा था कि वे बीमार हैं, एकदम तंदुरुस्त थे। इस पर उन्हें कहा कि यदि आपकी रिपोर्ट सही आती है और यह लिखकर उच्चाधिकारियों को देंगे तो आप पर कड़ी कार्रवाई होगी। यह कहते ही उन्होंने कहा कि मैं तो कमजोरी में जांच करवाने पहुंच गया था, अब ठीक लग रहा है चला जाऊंगा ड्यूटी पर।
एक चिकित्सक खुद को सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त बताते हुए चुनाव ड्यूटी से मुक्ति चाहता था। जांच में सामने आया कि काफी समय पहले उन्हें यह परेशानी थी, लेकिन नियमित दवाई लेने के कारण वे अब स्वस्थ हो चुके हैं। पूरी जांच के बाद उन्हें चिकित्सकों ने चुनावी ड्यूटी के लिए फिट बताया। हालांकि देर तक वे यह मानने को तैयार नहीं थे कि वे बीमार नहीं हैं।
एक शिक्षक को कई माह पूर्व घुटने पर चोट लगने पर प्लास्टर चढ़ा था। प्लास्टर उतरे कई महीने हो गए। उन्होंने चुनाव से मुक्ति के लिए आवेदन किया तो मेडिकल बोर्ड ने उनकी जांच की। जांच में सामने आया कि वह पूरी तरह फिट हैं।

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