श्रीनाथजी मंदिर के भंडारी कैलाश पुरोहित ने बताया कि बुधवार सुबह 5.30 बजे मंगला दर्शन होंगे, करीब 8.15 बजे शृंगार और ग्वाल के दर्शन होंगे। 9.45 बजे राजभोग के दर्शन होंगे। दोपहर 3.30 बजे संध्या आरती के दर्शन होंगे। शाम 5 से रात 8.45 बजे तक ग्रहण के दर्शन होंगे। पुरोहित ने बताया कि रात करीब 10.30 बजे शयन के दर्शन होंगे। श्रीनाथजी मंदिर में सूतक काल में ही राजभोग भी धराया जाएगा। राजभोग में सगरी सामग्री का भोग धराया जाता है। ऐसे में सामग्री सूतक के प्रभाव में आएगी। ऐसे में सामग्री गायों को खिलाई जाएगी।
चलेगा दानपुण्य का दौर
मान्यता के अनुसार सूर्य या चंद्र ग्रहण के चलते दान पुण्य किए जाते हैं। ऐसे में शहर में भी दान पुण्य का दौर चलेगा। श्रद्धालु गायों को घास और याचकों को सामग्री दान कर पुण्य लेंगे।
जगदीश मंदिर के पुजारी हुकुमराज ने बताया कि मंदिर में सुबह 4 बजे मंगला के दर्शन होंगे। इसके बाद सूतक लगने से पूर्व शृंगार, ग्वाल, राजभोग आदि के दर्शन होंगे। दिनभर मंदिर खुला रहेगा और मंदिर के बाहर से ही सूखी सेवा की जाएगी। इस दौरान भजन-कीर्तन के साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम पाठ होगा। उन्होंने बताया कि ग्रहण उतरने के बाद मंदिर के शुद्धिकरण के साथ ही प्रभु का शृंगार, भोग आदि के दर्शन होंगे। रात ग्यारह बजे तक मंदिर खुला रहेगा।