ज्योतिषाचार्य पं. जितेंद्र कुमार त्रिवेदी के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात्रि में व्याप्त चंद्र ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है, लेकिन ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व नहीं रखता। अत: इसके संबंधित यम नियम सूतक आदि का भी कोई महत्व नहीं रहेगा। आगामी 21 जून, आषाढी अमावस्या को दिखने वाला सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक ज्योतिषिय एवं धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
लगने वाले हैं ये ग्रहण
21 जून सूर्य ग्रहण : 21 जून सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक रहेगा, यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा। इसे भारत समेत दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के प्रमुख हिस्सों में देखा जा सकेगा।
05 जुलाई चंद्र ग्रहण : 05 जुलाई सुबह 08 बजकर 38 मिनट से 11 बजकर 21 मिनट तक रहेगा, ये उपछाया ग्रहण होगा, जिसके कारण इसका प्रभाव भारत में बहुत कम रहेगा। इस दिन लगने वाला ग्रहण अमरीका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से में दिखाई देगा।