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उदयपुर

महंत भीमसिंह का सडक़ दुर्घटना में निधन, अनुयायियों में शोक की लहर

गुजरात Gujrat के शामलाजी थाना क्षेत्र के सुनोक गांव के पास हुई घटना, खबर सुनते ही कल्लाजी संप्रदाय Kallaji Sampradaya हुआ स्तब्ध

उदयपुरJul 23, 2019 / 11:50 am

madhulika singh

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महंत भीमसिंह का सडक़ दुर्घटना में निधन, अनुयायियों में शोक की लहर

उदयपुर / डूंगरपुर. अखिल भारतीय कल्लाजी संप्रदाय kallaji sampradaya के राष्ट्रीय अध्यक्ष, काली कल्याण धाम वरदा (डूंगरपुर) व उदयपुर के मादड़ी स्थित काली कल्याण धाम के महंत भीमसिंह चौहान mahant bheem singh की सोमवार शाम को सडक़ हादसे में मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार गुजरात Gujrat के शामलाजी थाना क्षेत्र के सुनोक गांव के पास शाम करीब साढ़े छह बजे दो कारों की टक्कर हो गई। इससे महंत भीमसिंह के सिर और शरीर पर काफी चोटें आई। अस्पताल लाने से पहले ही महंत ने देह त्याग दी Mahant Bheem Singh Died। भक्तों के अनुसार महंत का शव लेकर वहां से वरदा के लिए रात को ही रवाना हो गए। महंत के निधन की खबर मिलते ही परिवारजन, ग्रामीणों तथा देशभर के अनुयायियों में शोक की लहर छा गई और कई भक्त घटनास्थल पहुंच गए।
पुलिस व पारिवारिक सूत्रों के अनुसार महंत सोमवार शाम करीब चार बजे गुजरात के अपने अनुयायी अक्षय उर्फ सन्नी के साथ अहमदाबाद में किसी भक्त के निवास पर बैठक में भाग लेने के लिए कार से रवाना हुए। मार्ग में हाईवे पर एक होटल में कुछ देर रुके तथा अल्पाहार भी किया। जैसे ही वे गाड़ी से निकले कि आगे सुनोक गांव के पास कार से भीषण टक्कर हो गई। इससे महंत के सिर पर गंभीर चोटें आई। हादसे के बाद एक बार तो महंत खुद गाड़ी से बाहर आकर सडक़ पर बैठे। इस दौरान काफी मात्रा में खून बह रहा था। आसपास से एकत्र लोगों ने शामलाजी के सिविल अस्पताल पहुंचाया, वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चालक अक्षय को भी चोटें आई हैं, उसका इलाज जारी है। इधर वरदा थानाधिकारी साकरचंद ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि अहमदाबाद रवानगी से पूर्व महंत व्यक्तिगत कार्य से थाने पर भी आए थे।

कल्लाजी संप्रदाय के हैं महंत

महंत भीमसिंह के निधन को कल्लाजी संप्रदाय सहित समस्त संत समाज के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है। मूलत: वरदा गांव के निवासी भीमसिंह का जन्म 05 नवम्बर 1971 को हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मणसिंह व माता का तेजकुंवर हैं। महज सात वर्ष की आयु से उन्हें कल्लाजी महाराज का पर्चा शुरू हुआ। पिछले 35 सालों से वह वरदा काली कल्याण धाम के गादीपति हैं।
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