आबकारी उपाधीक्षक राजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि मुखबिर से सूचना पर मिलने पर प्रहराधिकारी नाथूसिंह कानावत, सुमेरसिंह मय टीम ने पुरोहितों के तालाब में दबिश दी। दल को देखते ही वहां भट्टियों पर अवैध मदिरा बना रहे आरोपी पानी में कूदकर दूसरी तरफ भाग निकले। दल में शामिल एक कांस्टेबल ने पीछा कर एक आरोपी मेरों का गुड़ा निवासी अम्बालाल पुत्र रतन गमेती को पानी के किनारे ही पकड़ लिया। दल ने मौके पर चल रही पांच भट्टियों को वहीं नष्ट किया।
— पानी में से निकाले ड्रम
आरोपियों ने 68 ड्रमों में महुए को सड़ा कर उन्हें 20 फीट गहरे पानी में डाल रखा था। सभी ड्रम एक दूसरे से रस्सी से बंधे हुए थे। रस्से पर ड्रमों की पहचान के लिए उन्होंने ऊपर चप्पल बांध रखे थे। चप्पल वाली जगह पर वह रस्सी खींचकर ड्रमों को बाहर निकालते थे। दल ने पकड़ में आए आरोपी अम्बालाल से पूछताछ के बाद सभी ड्रमों को बाहर निकाले। सभी ड्रमों में करीब 34 सौ लीटर महुआ भरा था। दल ने सभी को मौके पर ही नष्ट किया।
— आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पहले महुएं को सड़ाने के बाद उसे मटके में भरते है। मटके को ऊपर से बंद कर पतली नली से वाष्प के सहारे दूसरे बर्तन में डालते है। यह बर्तन पानी में रहता है। गर्म व ठंडे पानी के बर्तन में आने वाली वाष्पीकरण के देसी शराब बनती है। एक बोतल से यह बाद में पानी मिलाकर उसे चार बोतल करते है और उसे 100 रुपए प्रति बोतल बेचते है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ के बाद उसके साथी कालू, उदयलाल, सुमेर, लालू व किशोर गमेती को नामजद किया है।