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उदयपुर

छह वर्ष बाद जागा पन्नाधाय जनाना हॉस्पिटल, बनेंगे ममता कार्ड, यह होगा फायदा

अब तक नहीं बन रहे थे ममता कार्ड

उदयपुरJun 17, 2019 / 02:44 pm

Bhagwati Teli

भुवनेश पण्ड्या/उदयपुर . जिले में जहां सभी सीएचसी और पीएचसी गर्भवतियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, वहीं संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल अनदेखी बरत जा रही थी। जनाना हॉस्पिटल में अब तक गर्भवतियों की नियमित जांच के लिए ममता कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। चिकित्सालय में आने वाली गर्भवतियों को केवल सेवाएं मिलती रही थी, लेकिन ममता कार्ड नहीं होने से उनका डाटा ऑनलाइन नहीं हो पा रहा था। अब सोमवार से जनाना हॉस्पिटल में भी ममता कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे।
केवल बनता था एंटीनेटल कार्ड
जनाना चिकित्सालय में केवल एंटीनेटल कार्ड बनाए जाते हैं। यह चिकित्सक यूनिट के लिए तैयार किए जाते हैं। यह चिकित्सालय की आंतरिक व्यवस्था के लिए बनाया जाता है ताकि जिस प्रसूता को जो चिकित्सक देख रहा है या देख रही है प्रसूता को उसी का उपचार चलाया जाए व प्रसव के दिन भी उसी की अंडरटेकिंग दी जाए।

हमने इसे अभी शुरू करवाया है
&ममता कार्ड करीब छह सालों से चल रहे हैं, लेकिन जनाना हॉस्पिटल में ये नहीं बन रहे थे। अधीक्षक से बातचीत कर इसे बनवाने की शुरुआत करवा दी है। सोमवार से ये कार्ड बनना शुरू हो जाएंगे।
डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर
&पहले इस कार्ड को बनवाने की चर्चा हुई थी, उस समय अधीक्षक डॉ. सुनीता माहेश्वरी थी। पहले इसमें कुछ परेशानी के कारण इसे नहीं बनवाया जा रहा था। शहर में आशाएं इस कार्य को नहीं करती है, ग्रामीण क्षेत्र में यह कार्य होता है। कई बार मरीज प्राइवेट में भी चले जाते हैं, इसलिए यहां ये कार्ड नहीं बनते थे, लेकिन अब सोमवार से इसे नियमित बनाया जाएगा, इसे लेकर निर्णय ले लिया गया है।
डॉ मधुबाला चौहान, अधीक्षक जनाना हॉस्पिटल उदयपुर
यह है ममता कार्ड
ममता कार्ड ऐसा डाटा कार्ड है, जिसमें गर्भवती की पूरी जानकारी समाहित होती है। इसमें प्रसव पूर्व जांचों एवं प्रसव का विवरण होता है। इस पर आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड, बैंक अकाउंट नम्बर, पता, मोबाइल नम्बर एवं संबंधित क्षेत्र की आशा व एएनएम की जानकारी होती है। नवजात के जन्म से लेकर संपूर्ण जानकारी व नवजात को दी जाने वाली सेवाओं का सम्पूर्ण विवरण होता है। यह कार्ड उपचार के दौरान भी तब काम आता है, जब प्रसूता या नवजात को कोई बड़ी परेशानी हो तो इस कार्ड को देखकर जांचों व दवाइयों के आधार पर तत्काल उपचार किया जा सकता है। इसमें पीसीटीएस आईडी के माध्यम से सभी जानकारी ऑनलाइन की जाती है। गर्भवतियों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए बनाया जाता है, इसमें उसे लगने वाले टीकों की जानकारी, प्रसव स्थान, समय दिनांक, कोई समस्या है तो विशेष टिप्पणियों में विवरण होता है, ताकि यदि कभी गर्भवती को कोई खतरा है तो यह उपयोगी माना जाता है। गर्भ ठहरने के बाद गर्भवती को कब-कब जांच करवानी है, उसका विवरण भी इसमें होता है। यह कार्ड पीएचसी, सीएचसी व आंगनबाड़ी सेंटर पर एएनएम की ओर से बनाया जाता है।
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