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गरीब चाय वाले की गई जान गुलाबबाग के बाहर शेर वाली फाटक के पास 10 मई 2013 को पेड़ का डाला चाय की धड़ी पर गिरने से धन्ना गायरी (40) की मौत हो गई। परिजनों ने नगरनिगम, राज्य सरकार व उद्यान विभाग गुलाबबाग के खिलाफ वाद दायर किया। न्यायालय ने निगम के विरुद्ध 4.89 की डिक्री पारित की।
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टेम्पो चालक चल बसा देहलीगेट-शास्त्री सर्कल मार्ग पर राव छात्रावास के बाहर पीपल का पेड़ टेम्पो जा गिरा। हादसे में टेम्पो चालक आयड़ निवासी मोहम्मद अय्यूब की मौत हो गई। भूपालपुरा थाना पुलिस की कार्रवाई के बाद परिजनों ने नगर निगम के खिलाफ वाद दायर किया। न्यायालय ने निगम के विरुद्ध 5.56 की डिक्री पारित की।
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ड्यूटी पर लगे होमगार्ड चली गई जान ठोकर चौराहे पर वर्ष 2014 में एक विशालकाय पेड़ गिरने पर वहां ड्यूटी पर खड़े होमगार्ड की मृत्यु हो गई। मृतक वहां पर चुनावी ड्यूटी पर तैनात था। इस मामले में चुनाव आयोग मृतक आश्रित परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया।
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हॉस्पिटल रोड पर हजारेश्वर महादेव मंदिर के निकट 26 जून 2010 पेड़ गिरने से पिता-पुत्री दब गए थे। हादसे में पिता आयड़ निवासी मोहम्मद साबिर की मौत हो गई थी तथा पुत्री बच गई थी। न्याायलय ने निगम के विरुद्ध 17.64 लाख की डिक्री पारित की।
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– नगर निगम का दायित्व है कि वह प्रत्येक वार्ड में जहां सार्वजनिक सडक़ या किसी बाउण्ड्रीवॉल में खड़ा पेड़ सूख गया है या खतरनाक स्थिति में है तो उनकी नियमित रूप कटाई व छंटाई करवाए। ताकि पेड़ या डाल गिरने से किसी कोई हताहत न हो। अब तक हादसों में जितने पेड़ गिरे वे खतरनाक अवस्था में थे और इसी कारण वे लोगों की जान ले गए।
– मीरा गल्र्स कॉलेज मार्ग पर गुरुवार को जो पेड़ गिरा उसमें पास ही चल रहे सिवरेज काम में उसकी जड़े काटने सामने आ रहा है।
पिछले 10 साल में जो घटना हुई है उनमें नगर निगम को भारी मुआवजा देना पड़ा। इसके बावजूद निगम के जिम्मेदार अधिकारी अब भी नहीं चेते है। लगातार लापरवाही सामने आने अब जिस अधिकारी के क्षेत्र में यह घटना होती है उसके वेतन से कटौती होनी चाहिए।