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उदयपुर

DIWALI 2017: दिवाली का महीना और माथे पर पसीना, पूरे राजस्‍थान की है ये हालत.. किसका है असर, जानें video…

प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है न्यूनतम तापमान

उदयपुरOct 16, 2017 / 05:03 pm

Dhirendra Joshi

tourists in udaipur
 

धीरेन्द्र जोशी/उदयपुर. जहां पूरे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग का असर दिखाई दे रहा है, वहीं प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। अमूमन शरद पूर्णिमा के साथ ही गुलाबी सर्दी का अहसास शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार दीपावली आने के बावजूद अब तक गुलाबी सर्दी का अहसास नहीं हुआ। इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग को माना जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश के प्रमुख शहरों में गत वर्षों की तुलना में न्यूतनम तापमान में तीन से पांच डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। तापमान में बढ़ोतरी का असर सीधा बाजारों पर पड़ा है।

प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों जयपुर, जोधपुर , अजमेर , कोटा , बीकानेर , उदयपुर के न्यूनतम तापमान में अक्टूबर माह में वर्ष-2014 और 2017 के बीच न्यूतनम तापमान में तीन से पांच डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में दीपावली के समय भी रात को बिना पंखे के लोग रह नहीं पा रहे। इधर गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। तापमान में बढ़ोतरी से लोग भी परेशान हो रहे हैं। दीपावली के आसपास गर्म कपड़े पहनना शुरू हो जाता है, लेकिन गर्म कपड़े पहनना तो दूर दोपहर में निकलने से भी लोग कतरा रहे हैं।
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उदयपुर में दीपावली को लेकर इन दिनों बाजारों को सजाया जा रहा है। बढ़ती गर्मी को लेकर शहर के व्यवसायी भी चिंतित है। ऐसे में अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए कुछ बाजारों में सजावट के साथ छाया की सुविधा भी की गई है। बड़ा बाजार में की गई सजावट में ऊपर रंग-बिरंगे कपड़े बांधे गए हैं, इसके नीचे बिजली से सजावट की गई है। इससे दोपहर में ग्राहकों को जहां छांव मिल रही है, वहीं शाम को लोग सुंदर सजावट का आनंद भी ले पाएंगे। इसी प्रकार भटियानी चौहट्टा स्थित लक्ष्मीजी के मंदिर के बाहर भी रंग-बिरंगे कपड़े बांधकर छांव की व्यवस्था की गई है। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होगी।

ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा एक से डेढ़ डिग्री पारा
क्षेत्रीय अनुसंधान अधिकारी डॉ. शांति कुमार शर्मा ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही तापमान में परिवर्तन हो रहा है। इसका असर न्यूनतम के साथ ही अधिकतम तापमान पर भी पड़ा है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय शष्य कृषि जलवायु समन्वित अनुसंधान परियोजना की ओर से गत 40 वर्षों का अनुसंधान किया गया। इसके तहत न्यूनतम तापमान में एक से डेढ़ डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इधर तापमान की फ्रिक्वेंसी में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार आईपीसीसी के सर्वे के अनुसार गत सौ वर्षों में पृथ्वी का तापमान .74 डिग्री बढ़ा है। जो काफी चिंताजनक है। यह तापमान दो से ढाई डिग्री बढऩे पर बड़ी समस्याएं सामने आएंगी।
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यूं समझें ग्लोबल वार्मिंग का असर
शहर 14-10-17 वर्ष-2016 वर्ष-2015
जयपुर 21.5 15.0 12.6
जोधपुर 20.2 16.0 16.4
उदयपुर 18.4 13.4 13.8
अजमेर 20.8 16.4 14.4
कोटा 21.5 16.6 16.6
बीकानेर 22.6 16.1 13.5

गत वर्ष की तुलना में अधिकतम तापमान
शहर 14-10-17 वर्ष-2016
जयपुर 38.2 37.0
जोधपुर 38.9 37.0
उदयपुर 36.0 34.2
अजमेर 38.3 37.0
कोटा 39.0 36.4
बीकानेर 40 39.4

bada bazar

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