जापानी टेक्निक से शहर में तैयार किए जा रहे मियावाकी जंगल
अरावली की 45 प्रजातियों से उगाए 2000 पौधे
उदयपुर•Dec 10, 2019 / 01:56 am•
Pankaj
शहर में तैयार किए जा रहे मियावाकी जंगल
उदयपुर . जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए पुकार फाउंडेशन ने जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान में 2000 पौधों का मियावाकी जंगल लगाया है। इसमें 48 अरावली पर्वतमाला की पेतृक प्रजातियां है। डाइट प्रधानाचार्य पुष्पेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि ये भविष्य में कई जीवों का घर बनेगा।
क्या है मियावाकी विधि
पुकार के विशेषज्ञ भुवनेश ओझा ने विवरण देते हुए कहा कि ये वन आम पौधारोपण के मुक़ाबले 10 गुना ज्यादा तीव्र विकसित व 30 गुना ज्यादा प्रदूषण के कणों को रोकने मे सक्षम होते है। इसे उगाने के लिए प्राकृतिक वनों पर पाए जाने वाले लोकल पादपों के अध्ययन, मिट्टी की जल धारण क्षमता व छिद्रण क्षमता को बढ़ाकर 100 वर्ग मीटर क्षेत्र में 350 पौधों का नजदीक रोपण किया जाता है, जिससे वो 2 साल में सघन आकार ले लेते हैं। वाष्पीकरण को रोकने व सूक्ष्म जीवों को बचाने के लिए जमीन पर पुराल बिछाई जाती है। इस मुहिम को सफल बनाने में गिरधर पारिक, अरविंद राजनागर, अजय नंदवाना, श्लोक तिवारी की भागीदारी बनी हुई है।