ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख शनिवार को थी। विश्वविद्यालय एवं कॉलेज की गलती से कई छात्र अपनी पसंद के विषय का अध्ययन नहीं कर पाएंगे। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर कॉलेज के पोर्टल पर पॉपुलेशन स्टडीज, एफआरयू, लाइब्रेरी साइंस एंड इंफोर्मेशन साइंस एंड रूरल डवलपमेंट समेत कई ऐसे विषय दर्शा दिए गए है जो महाविद्यालय में पढ़ाए ही नहीं जाते हैं। छात्रनेताओं ने इसकी शिकायत की तो अब काउंसलिंग में इसका समाधान खोजने की बात कही जा रही है।
इनका कहना…
विश्वविद्यालय और महाविद्यालय दोनों की गलती है। प्रवेश चाहने वाले छात्रों के साथ मजाक किया गया है। कई छात्र विषय का पुन: चयन नहीं कर पाए। ऐसे में ऑफलाइन काउंसङ्क्षलग में छात्रों को राहत नहीं दी गई तो प्रदर्शन किया जाएगा। – मोहित नायक, छात्रनेता
ऐसा कैसे हो सकता है। हमारे पास कॉलेज डीन से जो विषय समूह आते हैं, उन्हीं में प्रवेश मांगे जाते हैं। ऐसा हुआ है तो कॉलेज में ऑफलाइन काउंसलिंग के दौरान छात्रों से पूछकर दूसरे विषय चयन का विकल्प दे देंगे। – प्रो जी सोरल, पीजी डीन सुविवि
पीजी के लिए 11 जुलाई
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 11 जुलाई है। बीए का परीक्षा परिणाम जारी होने में देरी से यह तारीख बार-बार बढ़ाई गई। कला महाविद्यालय को छोडक़र सभी संघटक में इस बार ऑनलाइन काउंसलिंग होगी।