उल्लेखनीय है कि सरकार ने कार्यालय उद्घाटन के लिए दो माह का समय दिया था, जिसके अनुसार शनिवार अंतिम दिन है। छात्रसंघ अध्यक्ष भवानीशंकर बोरीवाल का कहना है कि कार्यक्रम को लेकर विवि प्रशासन की तैयारियां ही नहीं है। छात्रसंघ कार्यालय गंदगी से भरा पड़ा है। वहां उद्घाटन की स्थिति नहीं है। ऑडिटोरियम में काम चल रहा है, बार-बार कहने के बावजूद कार्य पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में कार्यक्रम कहां करें? पहले बताया कि रामानुजन को छात्रसंघ कार्यालय बनाएंगे, लेकिन अभी तक वह भी नहीं किया।
अध्यक्ष ने तो लेटर तक नहीं दिया
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मदनसिंह राठौड़ ने कहा कि छात्रसंघ अध्यक्ष ने विवि को अब तक कार्यक्रम का लेटर तक नहीं दिया है। अध्यक्ष ने उद्घाटन के संबंध में कोई भी जानकारी विवि से साझा नहीं की है। कार्यालय पूरी तरह साफ-सुथरा है। पहले भी अध्यक्ष यहां बैठते थे। रामानुजन में तो बाद में भी शिफ्ट किया जा सकता है। उद्घाटन मौजूद कार्यालय में संभव है। ऑडिटॉरियम की आवश्यकता कहां है। शनिवार को अंतिम दिन है। उद्घाटन देरी पर सरकार आदेश देगी, वह कार्रवाई करेंगे।
अपने नेताओं को बुलाने में अड़े : सरकार ने इस बार कार्यकारिणी का एक ही उद्घाटन कार्यक्रम करने को कहा है। लेकिन सुविवि सहित अन्य विश्वविद्यालयों में अपेक्स पदों पर एबीवीपी व एनएसयूआई दोनों के पदाधिकारी बने है। सुविवि में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष एबीवीपी एवं महासचिव व संयुक्त सचिव एनएसयूआई से है। दोनों संगठन अपने-अपने नेता को बुलाना चाहते हैं एवं अलग-अलग कार्यक्रम करवाने पर अड़े हैं।
मनमानी का आरोप : एनएसयूआई का कहना है कि उद्घाटन को लेकर मनमानी की जा रही है। विवि महासचिव शिव जाट ने कहा कि उद्घाटन को लेकर हमसे बात नहीं की जा रही है। अध्यक्ष मनमानी कर रहे हैं।
छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन को लेकर पार्टी नेता भी विवि व कॉलेजों में आने से नहीं कतराते हैं। ऐसे में दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच अपने-अपने नेता के समर्थन में जमकर नारेबाजी होती है जिससे बड़ा विवाद होने की स्थिति तक बन जाती है। पूर्व में एमजी कॉलेज की पूर्व महासचिव धीरज सोलंकी ने गृहमंत्री के हाथों शपथ लेने से इनकार कर दिया। पूर्व अध्यक्ष डिम्पल भावसार के समय महापौर नाराज होकर चले गए। विज्ञान महाविद्यालय में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के खिलाफ नारेबाजी व प्रदर्शन हुआ, लेकिन इसके बाद भी नेता छात्रों के कार्यक्रम में आने से परहेज नहीं करते।