यहां सुखाडिय़ा विवि स्थित गेस्ट हाउस में 23 कक्ष है, नियम है कि इस गेस्ट हाउस में कोई भी व्यक्ति अधिकतम सात दिन नियमित रह सकता है, जबकि यहां दो व्यक्ति राजेश दुबे और नीरज रावत कई महीनों से रह रहे हैं।
– राजेश दुबे: अपनी नियुक्ति को लेकर पहले से ही विवादों में चल रहे हैं, इन्हें लेकर लोकायुक्त में जांच चल रही है, लेकिन वह बेरोकटोक इस वर्ष 4 जुलाई से यहां रह रहे हैं। इस पेटे इनका 50 हजार रुपए का बिल बकाया चल रहा है।
ये है राशि
– सिंगल बिस्तर के लिए प्रतिदिन 1100 रुपए जीएसटी अलग
यदि ऑफिशियल निर्देश है तो इनके लिए यह राशि
– सिंगल बिस्तर के लिए प्रतिदिन 220 रुपए जीएसटी अलग – डबल बिस्तर के लिए प्रतिदिन 440 रुपए जीएसटी अलग
ये ऑफिशियली निवासरत हैं, ऐसे में यदि ये ही कक्ष किसी अन्य को दिया जाता तो प्रतिदिन 880 रुपए का फायदा, जबकि डबल बिस्तर पर 1210 रुपए का फायदा हो सकता है।
कुलपति के निर्देश हैं… इन दोनों व्यक्तियों के लिए कुलपति के निर्देश हैं। इसलिए इन्हें रखा गया है, आमतौर पर सात दिन रहने का नियम हैं। गत वर्ष 45 लाख और इससे पहले 48 लाख रुपए का राजस्व हासिल किया है। अब तक विवि को 25 लाख रुपए दिए हैं, इसके रखरखाव को लेकर हम कभी विवि से बजट नहीं लेते, यहीं से खर्च निकालते हैं।
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सब नियमों से ही है… प्लेसमेंट का कार्य देख रहे रावत को तो बाहर आना-जाना पड़ता है, इसलिए उन्हें यहां रखा गया है, जबकि प्रोफेसर को जल्द ही आवास उपलब्ध होते ही यहां से वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। अतिथि गृह सुविधाओं के लिए है। यहां सब नियमों से ही हो रहा है।
प्रो.जेपी शर्मा, कुलपति एमएलएसयू