विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती के अलावा अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है जिसका असर शैक्षिक व गैर-शैक्षिक गतिविधियों पर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नेक) ने 2014 में 5 वर्ष के लिए ए ग्रेड दी थी, जो एक माह पूर्व ही समाप्त हो गई थी। अब दोबारा गे्रड आवेदन के लिए एसएसआर रिपोर्ट भेजने के बाद टीम का दौरा होगा लेकिन रिक्त पड़े पदों से सीजीपीए अंक पर असर पड़ेगा जिससे पिछली ए ग्रेड को कायम रखना चुनौतीपूर्ण है।
जरूरी 3.51 अंक
वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय को परर्फोमेंस के आधार पर 3.11 सीजीपीए अंक मिले थे जिससे ए ग्रेड मिली। अब ए प्लस की आस की जा रही है जो तभी मिलेगी, जब 3.51 सीजीपीए अंक मिलें। नेक की टीम शैक्षणिक कार्य और संसाधन पर सर्वाधिक जोर देती है। ऐसे में रिक्त पद मुश्किल पैदा कर सकते हैं।
रिक्त पदों का ब्योरा
पद : सर्जित : रिक्त
प्रोफेसर : 26 : 18
एसोसिएट प्रोफेसर : 51 : 28
असिस्टेंट प्रोफेसर : 181 : 12
अशैक्षणिक कर्मचारी : 491 : 161
कुल : 749 : 219