सरकारी साइट ‘ऑफिशियल वेब साइट ऑफ उदयपुर’ पर सरपंच के सम्पर्क सूत्र में गड़बड़ी को लेकर कई सरपंचों से बात की। सरपंचों से बातचीत में सामने आया कि किसी ने इस साइट के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। सरकार की इस साइट पर बकायदा पंचायत, सरपंच का नाम और उनके नम्बर दिए गए हैं। जिले की ५४४ सरपंचों में से अधिकतर महिला सरपंचों के आगे ‘फीमेल’ की जगह ‘मेल’ का लिखा गया है।
—— इनमें हुई गड़बड़ी
सरपंच…पंचायत…श्रेणी सुमित्रा मेघवाल… भुताला… पुरुष सुशीला कंवर….कठार…पुरुष कंचन देवी…किकावास…पुरुष केकुंडी..बुझड़ा…पुरुष शारदा…छानवाड़ा …पुरुष बेस्ती देवी…डाकन कोटड़ा…पुरुष सारिका टांक…देबारी …पुरुष लाली भील…डोडावली…पुरुष नेवली….मटून…पुरुष
सरपंच…पंचायत…श्रेणी सुमित्रा मेघवाल… भुताला… पुरुष सुशीला कंवर….कठार…पुरुष कंचन देवी…किकावास…पुरुष केकुंडी..बुझड़ा…पुरुष शारदा…छानवाड़ा …पुरुष बेस्ती देवी…डाकन कोटड़ा…पुरुष सारिका टांक…देबारी …पुरुष लाली भील…डोडावली…पुरुष नेवली….मटून…पुरुष
आशा…पडूना…पुरुष —— ये बोले सरपंच या परिजन… – भींडर नवानिया की मीरा बाई के ससुर नानालाल ने कहा कि यह तो गलत है, इसे तुरन्त ठीक करना चाहिए। यहां की तो महिला सीट रिजर्व है, फिर ये गलती कैसे कर दी।
– आशा कटारा गिर्वा के अलसीगढ़ को पुरुष वर्ग में दिखाया है, किसी परिजन ने फोन उठाया।
-बारापाल की गुलाबदेवी कटारा ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। मैं महिला हूं, मेरा नाम तो फीमेल श्रेणी में आना चाहिए। पति राकेश कटारा ने कहा कि तत्काल ठीक करना चाहिए।
-बारापाल की गुलाबदेवी कटारा ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। मैं महिला हूं, मेरा नाम तो फीमेल श्रेणी में आना चाहिए। पति राकेश कटारा ने कहा कि तत्काल ठीक करना चाहिए।
—– साइट जिला परिषद की होगी। यदि इस तरह की गलती हुई है तो इसे दिखवा कर सही करवाते हैं। चांदमल वर्मा, एडीएम प्रशासन घर में रखकर पढ़ाया, मेरिट में दिलाया स्थान
गुरु की नजर पारखी होती है जिससे वह हीरा तलाश लेती है। एेसे ही शिक्षक हैं भगवतसिंह झाला। फतह स्कूल में सेवारत झाला जब मावली के सालेरा कला के स्कूल में पदस्थापित थे, तो वहां पर उनकी नजर प्रीतम टेलर नाम के छात्र पर पड़ी। प्रतिभाशाली इस छात्र को आगे बढ़ाने के लिए परिजनों से उदयपुर भेजकर पढाई करवाने को कहा, परन्तु परिवार माली हालत कमजोर होने से प्रीतम को शहर भेजने में असमर्थ था। इस बीच, झाला का तबादला हो गया। एेसे में इस बच्चे को अपने मकान पर रखकर खाने-पीने की व्यवस्था की। फतह स्कूल में प्रीतम को विज्ञान संकाय में प्रवेश दिलवाया। स्कूल में ११वीं और १२वीं कक्षा एक शिक्षक के रूप में पढ़ाई और घर पर अभिभावक के तौर पर ध्यान रखा। प्रीतम ने १०वीं कक्षा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में १३वां स्थान पाया तो १२वीं विज्ञान में ९३.२० प्रतिशत अंक हासिल कर उम्दा प्रदर्शन किया। इस उपलब्धि से प्रीतम और उसके माता-पिता शिक्षक झाला के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। इस प्रदर्शन पर बोर्ड से प्रीतम को ८० हजार रुपए सालाना छात्रवृत्ति मिल रही है, जो ५ साल तक मिलेगी। प्रीतम अपने गुरु के मार्गदर्शन में आईएएस की तैयारी के साथ सुखाडि़या विवि से बीएससी कर रहा है।