देबारी के बाद डबोक में हाईवे ऑथिरिटी को मिली सफलता के बाद अगला लक्ष्य मंगलवाड़ चौराहा रहेगा। बता दें कि टाटा कंपनी ने क्षेत्र से होकर गुजरते हाईवे को बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) टर्म पर लेकर इसके निर्माण का जिम्मा उठाया है। चित्तौडगढ़़ होकर काया बायपास होते हुए यह फोरलेन अब अहमदाबाद को जोड़ेगा। एनएचएआई उदयपुर की पैराफेरी के तहत चित्तौडगढ़़ से गुजरात के शामलाजी तक निर्धारित है।
दरोली पंचायत मुख्यालय पर 6 लेन के निर्माण से नया विवाद खड़ा हो गया है। गांव को एनएच-76 से जोडऩे वाले राजस्व रिकॉर्ड के मार्ग पर कथित लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है।
डबोक : ऐसे बदलेगी चौराहे की सूरत
वर्तमान सडक़ के सेंटर प्वाइंट (डिवाइडर) से दोनों ओर साढ़े 12-साढ़े 12 मीटर की 2 लेन बनेंगी।
स्थानीय ट्रैफिक को निकालने के लिए सिक्स लेन सीमा से आगे 7 मीटर में सर्विस रोड होगा।
डबोक में फ्लाई ओवर प्रस्तावित है। ऐसे में यूटिलिटी कॉरिडोर, अर्दन सोल्डर, नाली का निर्माण होगा।
फ्लाई ओवर निर्माण के बीच ट्रैफिक चालू रखने के लिए वाहनों की निकासी के लिए अतिरिक्त जमीन चाहिए।
स्थानीय स्तर पर अधिकांश लोगों को एनएचएआई की ओर से मुआवजा राशि दी जा चुकी है। क्षेत्र में करीब 100 लोग हाईवे विस्तार से प्रभावित होंगे।
ऐसा होगा खाका
-उदयपुर एनएचएआई की पैराफेरी चित्तौडगढ़़ (एनएच-76) 212/00 किलोमीटर पर है। इसमें उदयपुर से चित्तौडगढ़़ के बीच किलोमीटर 126/00 पर डबोक है।
-किलोमीटर 118/500 पर देबारी में समझौते के बाद 200 मकान खाली करा दिए गए हैं।
– देबारी से यह हाईवे उदयपुर बायपास (देबारी-काया) पर जुड़ेगा।
– फिलहाल बायपास को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या का आवंटन नहीं हुआ है।
– देबारी बायपास किमी 287/400 से यह रोड हाई-वे संख्या 8 को रतनपुर बॉर्डर के आगे शामलाजी (किमी 401/200) तक उदयपुर के अधिकार क्षेत्र में रहेगा।
-सिक्स लेन का कार्य निजी कंपनी को ढाई साल में पूरा करना है। शुरुआती 3 माह बीत चुके हैं। प्राधिकरण प्रबंधन कम से कम लोगों को प्रभावित करने वाली कार्ययोजना पर काम कर रहा है। प्रशासनिक स्तर पर लोगों से अपील कर उनके सहयोग से ही व्यवस्थाएं बहाल कराई जा रही हैं।