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उदयपुर

गलत तथ्यों के आधार पर वाद दायर करना इन्हें पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाया ऐसा आदेश

उदयपुर. गलत तथ्यों के आधार पर वाद दायर करना परिवादियों को महंगा पड़ गया।

उदयपुरJan 23, 2018 / 12:21 pm

Mohammed illiyas

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उदयपुर . गलत तथ्यों के आधार पर वाद दायर करना परिवादियों को महंगा पड़ गया। स्थायी लोक अदालत ने परिवादियों पर ही 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए एक माह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कोष में इसे जमा करवाने के आदेश दिए।

खारा कुआं न्यू भूपालपुरा स्थित उदय अपार्टमेंट हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष सूरज परिहार तथा सचिव बी.के.गुप्ता ने न्यू भूपालपुरा निवासी नानालाल बया, तरुण मुर्डिया व प्रदीप हेड़ा के विरुद्ध परिवाद पेश किया था। इसमें बताया कि विपक्षियों ने उदय अपार्टमेंट में 32 फ्लेट्स का निर्माण किया। इनमें से 15-16 फ्लेट्स ही विक्रय कर पाए।
शेष फ्लेट खाली हैं। विपक्षियों ने बाहरी दीवारों पर घटिया किस्म का पलस्तर करवाया है, जिसमें सीमेंट कम व रेत ज्यादा थी। एक साल में ही जगह-जगह पर क्रेक्स आ गए और पलस्तर गिरने लगा। क्रेक्स के कारण वर्षा ऋतु में भवन में जगह-जगह पानी गिरा। विपक्षियों ने आग्रह के बावजूद उसे ठीक नहीं करवाया।
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इसके अलावा उन्होंने भवन निर्माण की स्वीकृति के विपरीत छत पर अनधिकृत रूप से दो फ्लेट्स और टंकी बना दी। टंकी का वॉल्व निर्माण कार्य के दौरान कमरों के अंदर चला गया। इसके कारण टंकी की सफाई नहीं हो पा रही है। अपार्टमेंट में लाइटें व कॉमन सुविधा नहीं है।
स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष के.बी. कट्टा, सदस्य बृजेन्द्र सेठ व सुशील ने सुनवाई के दौरान माना कि अपार्टमेंट में रंग-रोगन में कमी, परिसर के कॉमन स्थान पर वांछित मेन्टनेंस का दायित्व सोसायटी के अध्यक्ष व सचिव पर था। दोनों ने अपने दायित्व संबंधी तथ्यों को छिपा कर यह आवेदन गलत आधार पर पेश किया।
न्यायालय ने 10 हजार रुपए हर्जाना सहित आवेदन अस्वीकार हुए अध्यक्ष व सचिव को आदेश दिया कि वह एक माह में व्यक्तिगत रूप से 5-5 हजार रुपए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कोष में जमा करवाए। समयावधि में जमा नहीं करवाने की स्थिति में प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव अग्रिम कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होंगे।

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