– शिक्षकों को 2010 के रेग्यूलेशन के तहत मिलने वाले इंसेंटिव जारी रहेंगे। हालांकि अब एमफिल और पीएचडी स्कॉलर्स को भी इंसेंटिव मिलेंगे।
– परफोरमेंस बेस्ड अप्रेजल सिस्टम (एपीबीएस) पर आधारित एपीआई को खत्म कर दिया गया है। इसके बदले ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया गया है और रिसर्च आउटपुट को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालयों के लिए रिसर्च स्कोर जोड़ा गया है।
– कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए रिसर्च को आधार बनाया जाएगा, वहीं कॉलेजों के शिक्षकों के पदोन्नति में स्कीम टीचिंग पर ज्यादा ध्यान देगा।
– विश्व के टॉप 500 यूनिवर्सिटीज से पीएचडी किए हुए लोगों की बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति हो सकेगी।
– नए भर्ती हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए एक महीने का इंडक्शन प्रोग्राम होगा।
ये भी होंगे अन्य बदलाव
– यूजीसी देशभर के विश्वविद्यालयों के परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव करेगा।
– पीएचडी होने पर ही असिस्टेंट प्रोफेसर का प्रमोशन होगा। इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी को अनिवार्य कर दिया गया है।
– विश्वविद्यालयों में वर्तमान में स्वीकृत 10 फीसदी शिक्षकों को सीनियर प्रोफेसर बनाया जाएगा। सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति सीधे भी हो सकती है और सीएएस के जरिए प्रमोशन मिलने के बाद भी पद भरे जा सकते हैं।
– पीएचडी और एमफिल स्कॉलर्स को गाइड करने के लिए कॉलेज शिक्षकों को जरूरत के हिसाब से सुविधाएं दी जाएंगी।
– ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वालों के लिए स्पेशल कैटगरी बनाई गई है। इसके तहत मेडल जीतने वालों को असिस्टेंट डायरेक्टर, कॉलेज डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर के लिए योग्?य माना जाएगा। इसका मकसद यूनिवर्सिटी और कॉलेज में खेलों को बढ़ावा देना है।
नए नियम से बदलाव होगा पीएचडी का नोटिफिकेशन आ गया है। नए नियमों में रिसर्च को बढ़ावा दे रहे हैं। परफोर्मेंस बेस्ट अप्रेजल सिस्टम पर आधारित एपीआई का असर प्रमोशन पर पड़ता था, लेकिन अब इसके नए नियम से बदलाव होगा।
डॉ सीआर सुथार, अधिष्ठाता, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय उदयपुर