अधिकमास का वर्ष ज्योतिषाचार्य निलेश शास्त्री ने बताया कि 2023 अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास वाला साल होगा। क्योंकि हिंदू नवसंवत्सर के हिसाब से आने वाला साल 13 महीने का होगा। जुलाई के बाद आने वाले सभी बड़े त्योहार 2022 की तुलना में 12 से 19 दिन की देरी से आएंगे। नववर्ष के पहले दिन रवि योग भी रहेगा। खरीदारी के लिए विशेष होगा। शास्त्रानुसार सूर्य सम्मान, पिता और तरक्की आदि के कारक ग्रह हैं। इन शुभ योग में सूर्य देव को जल अर्पित करने और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सालभर सम्मान, सभी राशि के जातकों को विशेष फलदायी और शुभ रहेगा।
यह रहेगा राशियों पर असर : मेषः व्यापारिक स्थिति श्रेष्ठ, धन खर्च की अधिकता वृषभ: शुरुआत में साधारण फल, आगामी दिनों में परिश्रम के अनुरूप लाभ मिथुनः कर्मक्षेत्र में विस्तार के साथ ही मनोबल में वृद्धि
कर्क: शनि की ढैय्या रहने से 21 अप्रेल बाद श्रेष्ठ फल मिलेंगे सिंहः परिश्रम, मेहनत का फल कम मिलेगा कन्या : आर्थिक स्थिति पर नियंत्रण के साथ भागदौड़ रहेगी तुला: आलस्य, प्रमाद से शरीर में थकान महसूस होगी
वश्चिकः शनि की ढैय्या शारीरिक पीड़ा कारक रहेगी धनुः पराक्रम वृद्धि के साथ ही यशकीर्ति का विस्तार मकर: शनि की साढ़ेसाती आर्थिक संकट के साथ स्वास्थ्य में कमजोरी कुंभः मध्यकालीन साढ़ेसाती ताम्रपाद होने से व्यापार में उन्नति के साथ लाभ मिलेंगे
मीनः प्रारंभिक साढ़ेसाती चांदी के पाये होने से आर्थिक को छोड़कर अन्य कार्यों में फलदायी वाहन, प्रॉपर्टी, ज्वैलरी की खरीदारी चिर स्थायी न्याय के देवता शनि और आध्यात्मिक ग्रह बृहस्पति राशि स्वराशि में रहेंगे, जो श्रेष्ठता दर्शा रहे हैं। इसके साथ ही उक्त योग-संयोगों में वाहन, प्रॉपर्टी, ज्वैलरी की खरीदारी करना चिर स्थायी रहेगा।