जवाब : शहर के आधारभूत ढांचे का विकास करना है। अधूरे काम पूरे करने हैं। आचार संहिता हटते ही अटके कामों के कार्यादेश जारी जारी करेंगे।
2 संघ पृष्ठभूमि से राजनीति में आने की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब : संघ में कोई पद नहीं होता है। स्वयंसेवक हूं। सरकारी सेवा में कई जगह कार्यरत रहा। अब शहर के विकास में योगदान कर सकूं ऐसी भावना थी। मेरे साथियों ने भी प्रेरित किया कि राजनीति में आना चाहिए।
3 आपकी नजर में क्या चुनौतियां हैं?
जवाब : रोड नेटवर्क, ड्रेनेज सिस्टम, यातायात, पार्किंग, फ्लाईओवर व स्वच्छता प्रमुख है। इनको दुरस्त करने की प्लानिंग करेंगे। सेवानिवृत्त इंजीनियरों से सलाह मशवरा कर इन समस्याओं से निपटेंगे।
4 प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है। एेसे में लोगों की आशाओं को कैसे पूरा करेंगे?
जवाब : मेरे लिए कोई विपक्ष नहीं है। लोकतंत्र का गणित कहता है कि मुझे 51 प्रतिशत वोट मिले यानी सभी का विश्वास है। कांग्रेस सरकार की चिंता नहीं करता वह भी हमारी है। सरकार से सहयोग लूंगा और आशा है कि मुझे मिलेगा।
5 गुलाबचंद कटारिया ने महापौर के लिए आपकी इतनी पैरवी क्यों की?
जवाब: गुलाबचंद कटारिया जब जनसंघ में थे, तब से संघदृष्टि से परिचय है। वह राजनीति में चले गए मैं नौकरी में चला गया। उनसे मेरा परिचय राजनीति में आने से पहले का है और आगे भी रहेगा।
जवाब : मुझे को जहां तक ध्यान है, स्मार्ट सिटी कंपनी में निगम का रोल कम रहता है। निगम की भागीदारी कैसे बढ़े इसकी कोशिश करूंगा। जनता की परेशानी से जुड़े काम जल्दी हों, यह प्रयास रहेगा।
जवाब : इंफ्रास्ट्रक्चर मुख्य चीज होती है। मेरे अनुभव का पूरा उपयोग शहर के विकास के कामों में होगा, इसकी खुशी है।
जवाब : मैं सभी 70 वार्ड का मेयर हूं। सभी में काम होगा। पार्षद किस दल का है, यह देखकर राजनीति नहीं होगी। शहर को आगे बढ़ाना है। राजनीतिक अनुभव की जरूरत नहीं समझता। मेरी मंशा साफ है, जनता के लिए काम करना।
जवाब : एेसा है कि मैं सबके लिए ओपन हूं। मेरी नजर में विपक्ष शब्द नहीं है। सभी 70 पार्षद मेरे हैं। उनके बलबूते पर जीता हूं। मेरे कुल 140 हाथ हैं, जिनका सहयोग करूंगा-सलाह लूंगा और शहर का विकास करूंगा।
जवाब : मैं राजनीति में अभी आया हूं। मेरा जो कुछ है वह संघ है। उस विचारधारा से काम करता हूं।