यूडीएच की ओर से जारी आदेश में कहा कि नगर निगम उदयपुर के नियंत्रित निर्माण क्षेत्र भवन उप विधि उपाविधि 2013 के अनुसार जोन-1 का उप जोन-अ एवं जोन-1 का उपजोन-ब के समस्त प्रकार के निर्माण, भू-उपयोग परिवर्तन तथा भूमि रूपांतरण पर राज्य सरकार की स्वीकृति के बगैर प्रतिबंध है। यूआईटी उदयपुर से जोन 1 के उपजोन-ब में राज्य सरकार की स्वीकृति के लिए प्रकरण भेजे जाने से पहले अपने स्तर पर जांच की जाए और तय मापदंडों की पूर्ति करते हो तभी प्रकरण सरकार को भेजा जाए।
जोन एक के उपजोन-अ की सीम से 30 मीटर गहराई तक वृक्षारोपण पट्टी आरक्षित रखनी होगी जिसमें अधिकतम 12 मीटर चौड़ी सडक़ अनुज्ञेय होगी, परंतु अन्य कोई निर्मांण नहीं किया जा सकेगा। इस वृक्षारोपण पट्टी में न्यूनतम 250 वृक्ष प्रति हैक्टयर जो न्यूनतम छह मीटर ऊंचाई ग्रहण कर सके, लगाना अनिवार्य होगा।
जोन-1 उप जोन-ब में उदयपुर के मास्टर प्लान 2031 में प्रस्तावित भू उपयोग के अनुसार डीसीआर के प्रावधान अनुसार आवासीय फार्म हाउस, जनउपयोगी सुविधा जैसे पानी की टंकी, ग्रिड सब स्टेशन, एसटीपी शामिल है। इसी प्रकार पौधशाला, फलौद्यान, रिसोर्ट, सरकारी व अर्दसरकरी कार्यालय, वॉटर पार्क, एम्यूजमेंट पार्क, स्टेडियम, ओपन एयर थिएटर पार्क, खेल का मैदान, फायर स्टेशन, पुलिस थाना एवं स्पोट्र्स ट्रेनिंग संस्थान के लिए तय शर्तों के अनुसार अनुज्ञेय किया जा सकेगा।
पर्यावरण विभाग द्वारा सज्जनगढ़ अभयारण्य क्षेत्र के लिए द्वारा सज्जनगढ़ अभयारण्य क्षेत्र के लिए जारी अधिसूचना में सम्मिलित ग्रामों में अधिसूचना के प्रावधाननुसार अथवा समय-समय पर संबंधित विभाग द्वारा किए जाने वाले संशोधनों के अनुरुप स्वीकृति की जा सकेगी।
उपजोन-ब में अनुज्ञेय इन शर्तों पर
भूखंड का न्यूनतम क्षेत्रफल व पहुंंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई मास्टर प्लान 2031 के डवलपमेंट कन्ट्रोल रेग्यूलेंशेंस के अनुरुप रखा जाना आवश्यक होगा।
उपरोक्त जोन में अधिकतम ऊंचाई जी प्लस टू (125 मीटर) एवं अधिकतम आच्छदन क्षेत्र 20 प्रतिशत अनुज्ञेय होगा परंतु भूखंड पर कुल निर्मित क्षेत्र 35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा, शेष भूखंड में से न्यूनतम 50 प्रतिशत क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जाना जरूरी है।
सेटबैक एकीकृत भवन विनियम-2017 के अनुसार रखे जाएंगे।