———– अब गले में ज्यादा समय तक नहीं ठहर रहा संक्रमण … डॉ मनोज शर्मा महेरा, पीजी रेजीडेंट, मेडीसिन मूलत: -गंगापुर सिटी ड्यूटी- कोविड केयर आईसीयू विचार- कोरोना की दूसरी लहर ने हालात भयावह कर दिए हैं। इस बार युवा जनरेशन इससे प्रभावित हो रही है। कोविड केअर आई सी यू में ड्यूटी के दौरान बीमारी का वह रूप देखा, इस बार मरीज इतनी जल्दी गंभीर अवस्था में रहा है कि सारे प्रयास करने बाद भी कई लोगो को बचाना संभव नही हो रहा है। इससे पहले की लहर में गले मे संक्रमण ज्यादा समय तक रुक रहा था लेकिन इस बार फेफ ड़ों में जल्दी पहुंच रहा है। इसी कारण ज्यादातर मरीजों को ऑक्सिजन की जरूरत है। इससे अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सिजन भी कम पड़ गयी है। आईसीयू में इतने युवा लोगो को अपने हाथों में जाते देखना बहुत कठोर अनुभव था, मेडिकल वर्ग अपनी क्षमता से ज्यादा प्रयास कर रहा है। फि र सभी लोगो को इसमें सहयोग करने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे ही केसेस बढ़ते रहे तो सब के लिए सम्भालना बहुत मुश्किल हो जाएगा। सभी को अनिवार्य रूप से कोविड प्रोटोकोल का पालन करना है।
——– संक्रमित होने के बाद भी नहीं हारी हौसला डॉक्टर रंजना वीरवाल, सीनियर रेजिडेंट मेडिसिन मूलत: उदयपुर ड्यूटी-कोविड वार्ड व आईसीयू विचार – अपने पति डॉक्टर मनोज दायमा के साथ कोराना पीडि़तों का उपचार लगातार कर रही हूं। कोरोना की शुरुआत से अभी तक निरंतर ईएसआई के कोविड वार्ड व आई सी यू में ड्यूटी कर रही हूं। 12-12 घंटा पीपीई किट पहनकर काम करना बड़ी चुनौती है। वायरस में म्यूटेशन के कारण संक्रमण अब तीव्र गति से फैल रहा है। पहली लहर के मुकाबले अब युवा और बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। लोगों से कहना है कि वे बिना काम बाहर ना निकले। वायरस से बचाव हेतु कोवीड प्रोटोकॉल का पालन करकर आप खुद को और अपने परिवारवालो को इस वायरस से बचा सकते है। कोरोना से संक्रमित होकर लोग घबराये हुए आते है उनको कॉउंसलिंग करके उपचार करना भी अलग अनुभव है। प्रतिदिन फ ोन पर भी पलंग व ऑक्सीजन एवं उपचार की उपलब्धता के लिए लगातार लोगों को सहयोग कर रही हूं।