—– ये ये होगा नया – चिकित्सालय में उपलब्ध दवाइयों की सूची, कौनसी दवा किस रोग में उपयोग में ली जाती है, यह दवा वितरण केन्द्र पर बताया जाएगा। – दवा वितरण केन्द्र का समय व शिकायत करने के लिए प्रभारी चिकित्सा संस्थान, नोडल ऑफिसर के टेलीफोन नम्बर दवा वितरण केन्द्र के बाहर लिखवाया जाना जरूरी है।
– सभी चिकित्सक बाह्य रोगी उपचार पत्र पर मरीज के लिए दवाइयां स्पष्ट रूप से लिखकर अपना नाम लघु हस्ताक्षर सील के साथ करना होगा। – दवा वितरण केन्द्रों पर निर्धारित डिजाइन के अनुसार पेंट करवाना होगा। मरीजों के बैठने, छाया व दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था करवानी होगी।
– दवा लेने वाले मरीजों की संख्या बढऩे पर दो खिड़कियों से दवा वितरण किया जा सकता है। इसके लिए उनके बीच में लोहे की रैलिंग लगाकर विभाजन किया जाना सुनिश्चित करेंगे। – नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्रों पर पर्याप्त स्थान उपलब्ध होने की दशा में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, पेंशनर्स के लिए अलग से खिडक़ी लगवानी होगी, या एकल खिडक़ी में प्राथमिकता देनी होगी।
– आउटडोर में बढ़ते रोगी भार को देखते हुए टोकन सिस्टम लागू करना होगा। – स्थानीय स्तर पर खरीदी गई दवाओं पर नोट फॉर सेल की सील लगानी होगी। उसकी प्रविष्टि कर वितरण ई औषधि सॉफ्टवेयर से करनी होगी।
– जरूरत के अनुसार द्वितीयक व तृतीयक स्तर के चिकित्सालयों पर लाइफ लाइन ड्रग स्टोर स्थापित होगा। — -अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना की मजबूती के लिए यह आदेश जारी किए हैं। बैड टू बैड दवा वितरण योजना के तहत यह शुरुआत की जा रही है।
डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर