——- जब कोविड- 19 का संक्रमण तेज हो रहा है, प्रसव सेवाएं सतत प्रक्रिया हैं, जिसे निरंतर गुणवत्ता पूर्वक बनाए रखना जरूरी है, इसे लेकर प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कोविड- 19 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो सके व संक्रमित शिशुओं को भी सुरक्षित रखा जा सके यह जरूरी है, इसी आवश्यकता के मद्देनजर अलग से कोविड- 19 पॉजिटिव प्रसूताओं के लिए अलग लेबर रूम जरूरी है। स्थान का चयन: स्थानीय एनएचएम सिविल अनुभाग से संपर्क कर जो राशि आवंटित की जा रही है, उसमें से एक आइसोलेशन फीमेल वार्ड के अन्दर ही अनुमानित 25 फीट व फीट करीब 750 क्वायर फीट क्षेत्रफल वाला स्थान चयनित कर इसे लेबर रूम बनाया जाएगा। इसमें एलुमिनियम सेक्शन वर्क करवाते हुए 1.5 टन का एयर कंडीशनर लगाया जाएगा। एनबीसीसी व स्टोरेज, ड्यूटी एरिया विकसित करने के लिए एक वॉशरूम भी इसके साथ ही बनाया जाएगा, जिसमें सभी जरूरी सुविधाएं रहेंगी।
—– मेटरनिटी कॉट की उपलब्धता : प्रत्येक संस्थान पर न्यूनतम 5 मेटरनिटी कॉट आरएमएससीएल के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसकी स्वीकृति जारी की जा चुकी है। ये मेटरनिटी कॉट कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिला के लिए प्रीनेटल सेवा, प्रसव व प्रसव के बाद ठहराव की दृष्टि से उचित है, तब उपयोग में लिया जाएगा। इसकी विशेषता यह है कि प्रसव पूर्व विश्राम, प्रसव प्रक्रिया केदौरान लेबर टेबल की तरह ही उपयोग में आता है, लेबर रूम से प्रसूता को पोस्ट नेटल वार्ड मे स्थानान्तरित कर दिया जाता है, इस पोस्ट नेटल वार्ड में जहां सव्यं प्रसूता व अपने नवजात शिशु की देखभाल जो आगामी 14 से 21 दिन तक करनी होगी, उपयोग में लिया जा सकेगा। यह मेटरनिटी कॉट उपयोग की दृष्टि से सरल, सुरक्षित व लम्बे समय के ठहराव के लिए उपयोगी व आरामदायक रहेगा।
——— प्रसूता की निजता व जरूरत को पूर्ण करना: प्रसव पूर्व व बाद में वार्ड में मेटरनिटी कॉट को प्रसूता की निजता के नजरिए से बेड के चारो तरह अद्र्ध गोलाई में पर्दा लगवाया जाएगा। इसे समय-समय पर हटाया जा सकेगा। जरूरत पर प्रसूता अपने शिशु का स्तनपान व स्वयं की निजता का ध्यान रख सके। प्रत्येक बेड के समीप ही मोबाइल चार्ज सुविधा दी जाएगी, कम रोशनी का बल्ब भी लगा रहेगा। बेड साइड लॉकर भी रहेगा। पानी पीने के लिए पांच लीटर का कूल कैंपर रखा जाएगा। बेड के समीप रिमोट कॉल बेल भी लगाई जाएगी।
—- कोविड-19 लेबर रूम कॉम्पलेक्स के विभिन्न सर्विस एरिया में दवाइयां उपकरण सुनिश्चित किए जाएंगे। – प्रीनेटल एरिया- व्हील चेयर, फोटो स्कोप, फिटल डॉपलर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, नॉन टचिंग थर्मामीटर, वॉल क्लॉक, वजन नापने की मशीन, मेजरिंग टेप, कलर कोडेड बींस, जरूरी रिकॉर्ड रजिस्टर, जेएसवाई टिकट, ममता कार्ड, हैंड सेनेटाइजर।
– लेबर रूम: लेबर टेबल मेटरनिटी कॉट, वॉल क्लॉक, थर्मामीटर, डिलीवरी ट्रॉली, आईवी स्टेण्ड, ऑटोक्लेव, ड्रम्स, फ्रीज, बीपी उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य जरूरी सामान। – पोस्ट नेटल एरिया: आईवी स्टेंड, बैड साइड लॉकर, थर्मामीटर, दवाइयां, पीपीइ सामग्री – प्रसव सेवाए: शिशु रोग व स्त्री रोग विशेषज्ञ ऑन कॉल व ऑन फ्लोर सेवाएं। – प्रसूति एरिया में एल एलसीडी लगाया जाना है।
——- फिलहाल तो एसएसबी ब्लॉक में दो लेबर रूम और दो ओटी कोविड संक्रमित के लिए बना रखे हैं, पन्नाधाय हॉस्पिटल में भी हमने कोविड संक्रमण व अन्य गर्भवती महिलाओं के लिए अलग कर दिया है।
डॉ मधुबाला चौहान, अधीक्षक पन्नाधाय जनाना हॉस्पिटल उदयपुर —- हमने तैयारी शुरू कर दी है, पूरे प्रदेश में सरकार ने 1 करोड़ 81 लाख 33 हजार 500 रुपए सभी जिलों के लिए जारी किए हैं, उदयपुर को 5 लाख 49 हजार 500 रुपए दिए गए हैं। ये सरकार का बेहतर कदम है ताकि माता व शिशु सुरक्षित रहे।
डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर