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उदयपुर

उदयपुर में यहां 24 वर्षो बाद मिला जनजाति कृषकों को अपनी जमीन का हक

अतिक्रमण हटाने की दिए आदेश

उदयपुरMar 31, 2019 / 05:16 pm

Sikander Veer Pareek

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हेमन्त गगन आमेटा/वल्लभनगर. वल्लभनगर तहसीलदार संदीप अरोड़ा द्वारा वल्लभनगर तहसील की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 साल से जनजाति कृषक खातेदारी जमीन को धारा 183 बी के तहत कार्यवाही करते हुए अतिक्रमियों से मुक्त कराने के आदेश जारी किए।वल्लभनगर न्यायालय तहसीलदार वल्लभनगर के पीठासीन अधिकारी संदीप अरोड़ा द्वारा अनुसूचित जनजाति के कृषकों की जोत सरंक्षणार्थ संविधानिक निर्देशों के अनुशंसा में अपने निर्णय द्वारा वल्लभनगर तहसील के रुंडेडा गांव में स्थित अनुसूचित जनजाति के कृषकों की जमीन आराजी नंबर 2224 रकबा 5 बीघा 16 बिस्वा पर 24 वर्षो से चले आ रहे अतिक्रमण की बेदखली का आदेश एवं 24,900 की शास्ति अधिरोपित कर मूल खातेदार छगन पिता वरदा मीणा के वारिसान पुत्रियों मंजू,सन्नू,जसोदा एवं भगवती तथा मोहनी बाई पत्नी छगन लाल मीणा निवासी नाहर मगरा को उनके पिता व पति की कृषि भूमि का कब्जा सुपुर्द करने के आदेश पारित किए हैं। तहसीलदार संदीप अरोड़ा ने बताया कि मूल खातेदार छगन पिता वरदा की कृषि भूमि पर कथिक इकरारनामा की आड़ में छगन की भूमि पर गत लगभग 24 वर्षों से अतिकर्मियों का अनाधिकृत कब्जा चला आ रहा था। छगन ने अतिक्रमियों के विरुद्ध को 21 अप्रैल 2017 को तत्कालीन तहसीलदार वल्लभनगर को प्रार्थना पत्र दिया ओर न्याय की भी मांग की थी। नियमों के अनुसार धारा 42 द्वारा जनजाति जोत का जनजाति के अलावा अंतरण नहीं हो सकता यह जानते हुए भी अतिक्रमियों द्वारा इकरारनामा के नाम से छगन की भूमि पर कब्जा जमा कर उसे बेदखल कर दिया। इस मामले को गंभीर लेते हुए वल्लभनगर तहसीलदार संदीप अरोड़ा द्वारा अपने 7 पृष्ठीय निर्णय में प्रकरण की राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 183 बी के अंतर्गत और अनुसरण में अधिनियम के संवैधानिक प्रावधानों को प्रवृत्त करते हुए अतिक्रमण को सात दिन के भीतर जनजाति कृषक वारिसान पुत्रियों व छगन की पत्नी को उसकी कृषि भूमि का कब्जा सौंपने के आदेश पारित किए।
इनका कहना है :

पक्षकारों की उपस्थिति में भू अभिलेख निरीक्षक और पटवारी रिकॉर्ड के साथ मेरे स्वयं के द्वारा मौका निरीक्षण में शिकायत सही पाई गई और मौका पर्चा तहरीर किया गया। संवैधानिक संरक्षण के उल्लंघन में जनजाति कृषक जोत पर अन्य व्यक्ति का अतिक्रमण पाया गया, जो नियमो के विरुद्ध है। संदीप अरोड़ा, तहसीलदार वल्लभनगर

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