वर्तमान में उदयपुर हवाई अड्डा 504 एकड़ में फैला है। यहां एयरबस 320 जैसे विमानों की लैंडिंग के लिए 300 मीटर की स्ट्रीप की जरूरत है। किसी भी अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए इसे प्राथमिक आधार के तौर पर देखा जाता है। इसके अनुरूप स्ट्रीप विस्तार के लिए इस हवाई अड्डे को 140 एकड़ भूमि की और जरूरत है। एयरपोर्ट प्रशासन ने सरकार से जमीन मांग रखी है, लेकिन अभी तक इसका हस्तान्तरण नहीं हो पाया है।
—– यह है हमारी खूबी हवाई अड्डे के पास एक डामर रनवे है, जो 9000 फीट यानी 2743 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा है। इसका 250 बट्टा 150 मीटर का एप्रन एक समय में 3 बोइंग 737 या एयरबस विमानों के लिए पार्किंग की जगह प्रदान करता है। नए टर्मिनल भवन की लंबाई 12175 वर्ग मीटर है जिसका निर्माण 80 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था। टर्मिनल में दो बोर्डिंग गेट 4 चैक-इन काउंटर हैं जिससे पीक ऑवर्स में 600 यात्रियों को संभाला जा सकता है। हवाई अड्डा आधुनिक नेविगेशनल और लैंडिंग एड्स जैसे डीएमई, वीओआर व एनडीबी से सुसज्जित है। रनवे 26 कैटआई इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम से लैस है।
—— एक नजर बडे़ हवाई अड्डों पर
– छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा मुम्बई हवाई अड्डे के तीन ऑपरेटिंग टर्मिनल 750 हेक्टेयर,1850 एकड क्षेत्र में फैला हैं। प्रति दिन लगभग 950 विमान आते-जाते हैं। यह 09 दिसंबर 2018 को रिकॉर्ड 1007 विमान आए गए।
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कोलकाता
इस अड्डे को पहले दमदम हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था जिसका नाम 1995 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया गया। यह 2460 एकड़ यानी 1000 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला है।
– इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली
हवाई अड्डा 5,106 एकड़ यानी 2066 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यह पालम में स्थित है। 2009 के बाद से हवाई यातायात के लिहाज से यह भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा माना जाता है। वर्ष 2018 में यह दुनिया का 12वां और एशिया का छठा व्यस्ततम हवाई अड्डा घोषित हुआ। एयरबस ए 320 विमान के लिए दुनिया का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।
– चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
यह भारत के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। इस हवाई अड्डे ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में 22.5 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभाला। यह एशिया के शीर्ष 50 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है।
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राज्य सरकार से १४० एकड जमीन मांगी है, लेकिन एेसा नहीं हुआ है। इस पर एक नया टैक्सी ट्रेक बनेगा। स्टैंडर्ड के अनुसार एयर बस ३२० जैसे विमान के लिए सामान्य तौर पर ३०० मीटर की स्ट्रीप की जरूरत होती है, वह हमारे पास उपलब्ध नहीं है। यह हमारे लिए आधारभूत जरूरत है।
कुलदीप ऋषि, निदेशक एयरपोर्ट उदयपुर