पैंथर का खौफ
उदयपुर. घासा. नूरडा में पैंथर के आतंक से ग्रामीणों में भय है। पिछले दिनों नाथूलाल गायरी के खेत में पैथरं की दस्तक देने के साथ ही झाडिय़ों में 7 घटें तक छिपा रहा। ग्रामीणों की भीड़ व वन विभाग के कार्मिकों के मौके पर पहुंचने व हो हल्ला करनेे से पैंथर भाग गया। इसके बाद पंैथर ने शनिवार रात गुदेंला में भील बस्ती में कना गमेती के घर पर बाड़े मे बंधी बकरी को शिकार बनाने की कोशिश की मगर परिवार पास में सोया हुआ था। उन्होंने पैेंथर को दूर खेतों में भगाया। इधर, वन विभाग की ओर से बीडें में पिंजरा लगाया गया। जिसका दरवाजा बंद है। पेंंथर को पकडऩे के लिए शिकार भी नहीं बांधा गया है।
सराडा . क्षेत्र के नावड़ा गांव में पिछले करीब एक पखवाड़े से हर रोज पैंथर लोगों के पशुओं को मौत के घाट उतार रहा है लेकिन न तो वन विभाग इस मामले को लेकर सजगता से ले रहा है और न ही प्रशासन।
नावडा गांव में शाम ढलते ही हर रोज पैंथर की दस्तक शुरु हो जाती है अब तक कई पशुओं को अपना निवाला बना चुका है। लोगों की रातें जागते हुए अब आंखोंं में ही कट रही है। सीपुर मूलेश्वर महादेव मन्दिर से नावडा के बीच गोमती नदी में बिलायती बबूल की झाडिय़ां व घास की आड़ में दिनभर पैंथर छिपा रहता है, जो शाम ढलते ही शिकार के लिए निकलता है। पिछले एक पखवाड़े में आधा दर्जन से अधिक जानवरों का पैंथर ने शिकार कर लिया है। ग्रामीण अपने बच्चों व पशुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
भैरवा व आसपास के बच्चे जो नावडा स्कूल में पढऩे आते हैं उनके परिजन बच्चों की चिंता में खुद स्कूल छोड़ने जा रहे हैं। ग्रामीणों ने पैंथर को पकडऩे के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है।
Home / Udaipur / पैंथर का खौफ