पानीपत मूवी और हकीकत में ये विरोधाभास
इतिहासकारों ने की फिल्म ‘पानीपत’ की निंदा
उदयपुर•Dec 12, 2019 / 02:42 am•
Pankaj
पानीपत मूवी और हकीकत में ये विरोधाभास
उदयपुर. हाल ही में चर्चित फिल्म ‘पानीपत’ में तत्कालीन महाराजा सूरजमल के चरित्र और उनकी भूमिका को जिस तरह प्रस्तुत किया गया है, वह गलत है। मनोरंजन के नाम पर जिस तरह इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है, यह आने वाले समय में जातीय वैमनस्य फैलाएगा। यह बात शहर के इतिहासकारों ने कही।
तक्षशिला विद्यापीठ संस्थान के निदेशक और इतिहासकार डॉ. जीएल मेनारिया और पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. अजातशत्रु सिंह राणावत ने कहा कि फिल्म में राजस्थान की सूरमाओं के राष्ट्र निर्माण में किए गए योगदान का सही मूल्यांकन नहीं हो रहा। भरतपुर के तत्कालीन महाराजा सूरजमल ने विदेशी आक्रमणकारी अहमदशाह अब्दाली के विरुद्ध युद्धरत मराठा, मुगल, रोहिलों, राजपूतों के साथ योद्धेय जाट सजातीय वर्गों को नेतृत्व प्रदान किया। इससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई। मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय ने महाराजा सूरजमल को इससे प्रभावित होकर राज राजेन्द्र की उपाधि से सम्मानित किया और जाट राज्यों को मान्यता दी। ऐसे सूरजमल के चरित्र को फिल्मी मनोरंजन के नाम पर अपमानित करना राष्ट्र को जातीय युद्ध में धकेलने जैसा कुत्सित कार्य है।