नैक रैंकिंग की फिक्र, गठित होंगे अभिभावक संघ
सुविवि के चारों संघटक कॉलेजों में पहली बार बनेंगी, विभाग स्तर पर अभिभावक समितियां बनेंगी
उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के चारों संघटक कॉलेजों में पहली बार अभिभावक संघ और विभागवार अभिभावक समितियों का गठन होगा। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से मान्यता के लिए दिए जाने वाले अंकों में यह भी एक पैमाना है।
सुविवि के संघटक आट्र्स, कॉमर्स, साइंस और लॉ कॉलेज में अभिभावक समितियों का गठन परीक्षाओं के बाद किया जाएगा। 22 सितम्बर के बाद कभी भी इसे लेकर सभी विभागाध्यक्षों, निदेशकों, अधिष्ठाताओं की बैठक कुलपति की मौजूदगी में हो सकती है। कॉलेज स्तर पर अभिभावकों के प्रतिनिधित्व में संघ बनेगा, जबकि विभागों के स्तर पर अभिभावक समितियां बनेंगी। समितियों सदस्यों का अभिभावक संघ में प्रतिनिधित्व होगा। समितियों की बैठकें डीन की अध्यक्षता में, जबकि चारों कॉलेज के संघों की बैठकें कुलपति की अध्यक्षता में होंगी।
– क्यों है नैक की मान्यता के लिए जरूरी?
नैक मोटे तौर पर सात बिन्दुओं पर किसी भी विवि को ग्रेड देता है। इनमें पाठ्यक्रम के पहलुओं, शिक्षण-अधिगम और मूल्यांकन, अनुसंधान, परामर्श और विस्तार, अवसंरचना और शिक्षण संसाधन, छात्र सहायता और प्रगति, शासन, नेतृत्व और प्रबंधन तथा नवाचार और सर्वोत्तम अभ्यास के बिन्दुओं पर इंतजामों को देखता है। छात्र सहायता और विस्तार बिन्दु के तहत अभिभावक संघ गठन का भी महत्व है।
– क्या करेंगे अभिभावक संघ?
अभिभावकों की समितियों और संघ से विवि के प्रशासनिक अधिकारी और शैक्षणिक स्टॉफ नियमित संवाद करेगा। संघ की बाकायदा तयशुदा बैठकें होंगी, जिनमें अभिभावकों की ओर से शिक्षण व्यवस्था को लेकर दिए जाने वाले फीडबैक मिला, पेरेंट्स द्वारा उठाए मुद्दों या सुझावों पर विवि प्रशासन काम करेगा। पेरेंट्स मीटिंग के अलावा एलुमनाई मीट और अभिभावक-शिक्षक के बीच संवाद की कई तरह की गतिविधियां भी होंगी।
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पेरेंट्स का फीडबैक मिलना जरूरी
अभिभावक संघ के बिना शिक्षक और विद्यार्थी के मध्य के सम्बंध का सही पता कैसे चलेगा? नैक के लिए भी यह जरूरी है, इसलिए हम जल्द संघ व समितियों का गठन करेंगे। कम से कम हमें फीडबैक तो मिलेगा कि कौन पढ़ा रहा, कौन नहीं पढ़ा रहा।
प्रो. अमेरिका सिंह कुलपति, मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि
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