इस कार्य के लिए सबसे बड़ी लापरवाही नगर निगम के गैरेज सेक्शन की सामने आई है। बताते है कि डिविडिंग से ढेर निकालने के बाद उसे हटाने का कार्य गैरेज से होता है लेकिन वहां कई बार सूचित करने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया जिससे ढेर के ढेर लग गए और खरपवार पानी में समाहित हो रही है।
पिछोला किनारे बहुत खराब स्थिति है। झील से निकाली जलीय खरपवार के ढेर लगे है। देखने वाला नहीं है। खरपतवार को सज्जनगढ़ के पास वन विभाग की बंजर भूमि पर डालकर कम्पोस्ट खाद बनाया जा सकता है। ऐसा किया जाता है तो इसे ट्रेचिंग ग्राउंड पर ले जाने का खर्चा भी बच जाएगा। अभी महत्वपूर्ण बात यह है कि झील किनारे लगे खरपवार के ढेर हटाए जाए।
– तेजशंकर पालीवाल, सदस्य झील सुरक्षा एवं विकास समिति
– जी.एस. टांक, महापौर