सूत्रों के मुताबिक ओगणा थाना पुलिस ने 26 नवम्बर को जिला कलक्टर के दौरे के दौरान काड़ा-झाड़ोल मार्ग पर बजरी से भरी दो ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त कर थाने में खड़ी करवाई थी। 30 नवम्बर को इसकी सूचना खान विभाग को दी गई। खनिज कार्यादेशक महेश मीणा ने उसी दिन ऑनलाइन मौका पर्चा बनाकर पेनल्टी तय कर पुलिस को सुपुर्दगी कर दी। मजेदार बात यह है कि पुलिस ने खान विभाग की ओर से प्रति ट्रैक्टर ट्रॉली 1 लाख 26 हजार 400 कुल 2 लाख 52,800 की कपांउड राशि लिए बिना ही दोनों वाहनों को तोड़-बट्टा कर छोड़ दिया। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए राजकोष को भारी चपत लगाई है।
इधर, ओगणा थानेदार मुकेश मेघवाल ने सफाई देते हुए कहा कि बच्ची बीमार है और वे पिछले 4-5 दिन से छुट्टी पर हैं। ट्रैक्टर छोडऩे के बारे हेड कांस्टेबल थावरचंद से पता कर लें, जबकि हकीकत यह है कि थानेदार ने ही 30 नवम्बर की रात जब्त दोनों ट्रैक्टर ट्रॉलियों को थाने से छोड़ा है। उनका कहना है कि ट्रैक्टर मालिकों ने रसीद कटने की बात कहकर जालसाजी से ट्रैक्टर छुड़ा लिया है। अब हमने कंपाउड राशि जमा कराने के लिए पाबंद किया है। राशि जमा नहीं कराने पर ट्रैक्टर पुन: जब्त कर लिए जाएंगे।
इधर, खनि अभियंता जिनेश हुमड़ का कहना है कि हमारे रिकार्ड में दोनों वाहन जब्त है और उनकी कंपाउंड राशि आज तक जमा नहीं हुई है। पुलिस जब्त वाहनों को खान विभाग में राशि जमा होने की रसीद दिखाने पर ही छोड़ सकती है। यदि जब्त टै्रक्टर ट्रॉलियों को पुलिस ने छोड़ा है तो गंभीर अपराध किया है और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को लिखा जाएगा।