—— सरकार ने हाल में इसे लेकर आदेश जारी किए हैं, इसमें स्पष्ट किया है कि निजी विश्वविद्यालय अपने अधिनियम की अनुसूची 2 या अधिनियम की धारा 4 में वर्णित पाठ्यक्रम संबंधित नियामक निकायों की अनुमति के बाद ही संचालित कर सकेंगे।
– —- वरीयता सूची से होंगे प्रवेश पाठ्यक्रमों में प्रवेश केवल मेरिट के आधार पर ही दिए जा सकेंगे। व्यावसायिक व तकनीकी पाठ्यक्रमों में केवल प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही प्रवेश दिए जा सकते हैं। जिन व्यावसायिक व तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए राज्य व केन्द्र सरकार की एंजेंसिया प्रवेश परीक्षा आयोजित करती हैं, उनमें प्रवेश परीक्षा द्वारा सीटें आवंटित करवाने के बाद ही प्रवेश दिए जा सकते हैं।
——- उच्च शिक्षा शासन सचिव ने इसे लेकर हाल में पत्र जारी किया है, साथ ही प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों के नाम सार्वजनिक कर इसमें प्रवेश लेने से पहले छात्र व अभिभावकों द्वारा पूरी जांच कर ही प्रवेश लेने की नसीहत दी गई है। इसमें इन विवि के विरूद्ध गंभीर शिकायतें व अनियमितताएं बता प्रकरण की जांचे लंबित बताई गई है। इनके प्रकरणों को न्यायालय में लम्बित बताया है। इसमें ओपीजेएस विवि चूरू, जगदीशप्रसाद झाबरमल टीबरेवाल विवि चुडेला झुन्झुनूं, सिंघानिया विवि पचेरी बड़ी झुन्झुनूं, श्रीधर विवि बिगोदना झुन्झुनूं और सनराइज विवि बगड़ राजपूत अलवर शामिल है।