तीन पति पत्नी ने फिर थामे हाथ पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश अरुण गुप्ता ने राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामे से प्रकरणों का निस्तारण करते हुए अलग अलग तीन मामलों में पति-पत्नी को समझाइश कर घर भेजा। मोटर वाहन दुघर्टना दावा अधिकरण-2 की न्यायाधीश ममता व्यास ने एक दावे में पति की मृत्यु दुघर्टना से होने पर पत्नि को 75 लाख रुपए का चेक बीमा कंपनी से दिलवाते हुए प्रकरण का निस्तारण किया। एन.आई.एक्ट केसेज -2 के विशिष्ठ न्यायिक मजिस्टे्रट कृष्णा राकेश कानावत ने एक प्रकरण में राजीनामा करवाते हुए 1 करोड़ 67 लाख 30 हजार रुपए का अवार्ड जारी किया।
READ MORE : विदेश से एमबीबीएस डिग्री के नाम पर लाखों की ठगी…भूपालपुरा थाने में मामला दर्ज पक्षकार कर सकते है आग्रह प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव रिद्धिमा शर्मा ने बताया कि लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर सिविल मामलों में न्यायालय फीस लौटाई जाती है तथा पक्षकार शीघ्र न्याय प्राप्त कर मुकदमेबाजी के तनाव से मुक्त होते है।पक्षकार लंबित प्रकरणों को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाने के लिए संबंधित न्यायालय से आग्रह कर सकते हैं।