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उदयपुर

लेकसिटी से अफसरों का मोह, कई तो यहीं के होकर रह गए

आरएएस सेवा के अफसर लम्बे समय से उदयपुर में, कई तो कुछ समय के लिए दूसरे जिले में फिर उदयपुर लौट आते

उदयपुरJun 22, 2021 / 10:42 am

Mukesh Hingar

लेकसिटी से अफसरों का मोह, कई तो यहीं के होकर रह गए

लेकसिटी से अफसरों का मोह, कई तो यहीं के होकर रह गए

मुकेश हिंगड़
उदयपुर. लेकसिटी से अफसरों का मोह किस कदर है यह अफसरों का सर्विस रिकार्ड ही बताता है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) Rajasthan Administrative Service अफसरों का उदयपुर प्रेम इस कदर है कि कई अफसरों ने तो अपने अब तक के सेवा काल का सर्वाधिक समय नहीं बिताया है। बड़ी बात यह है कि RAS अफसरों का जब पहली बार तबादला उदयपुर जिले में किया गया उसके बाद उनकी ज्यादातर पोस्टिंग उदयपुर जिले में हुई है। कुछ अफसरों का सेवा काल तो ऐसा है कि वे कुछ समय के लिए बाहर जाकर आए और उसके बाद वापस उदयपुर में ही जमे रहे।

उदयपुर जिले में लगे अफसरों के बारे में जाने

– एल.एन. मंत्री : फरवरी 2009 में उदयपुर में अतिरिक्त निदेशक पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के पद पर आए। तब से ही उदयपुर में विभिन्न पदों पर लगे है, अभी अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के पद पर लगे है।
– एम.एल. चौहान : वर्ष 2000 से उदयपुर में। वे इसके बाद बांसवाड़ा, टोंक, बीकानेर व राजसमंद भी गए लेकिन ज्यादातर कार्यकाल उदयपुर में ही रहा। अभी उदयपुर में सेटलमेंट अधिकारी के पद पर है।
– हर्ष सावनसुखा : वर्ष 1997 में सब डिवीजन ऑफिसर लगे। कुल 22 तबादलों में से 9 बार उदयपुर में लगाया गया। अभी खान विभाग में अति. निदेशक है।
– प्रदीप सिंह सांगावत : वर्ष 2009 में सब डिवीजन अधिकारी लगे, इसके बाद पांच बार वापस उदयपुर में लगे, अभी स्मार्ट सिटी कंपनी में एसीईओ के पद है।
– बालमुकुंद असावा : उदयपुर में के सराड़ा में 2000 में बीडीओ लगे, उसके बाद से अब तक 10 बार उदयपुर जिले में ही उनको लगाया गया। अभी आरएसएमएम में कार्यकारी निदेशक है।
– अरुण कुमार हासिजा : वर्ष 2008 में यूआईटी में ओएसडी लगे, इसके बाद कार्यकारी सचिव भी रहे, अभी नवम्बर 2019 से हासिजा यहां यूआईटी में सचिव के पद पर लगे है।
– हिम्मत सिंह बारहठ : नवम्बर 2012 में उदयपुर में एससी कॉरर्पोरेशन में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर लगे। उसके बाद नगर निगम व सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में लगे, अभी नगर निगम में दूसर बार आयुक्त के पर पर वापस लगे है।
– वीसी गर्ग : वर्ष 2002 में मावली में एसडीओ लगे, इसके बाद दो बार वापस उदयपुर में लगे, अभी जनजाति विभाग में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर है।
– अशोक कुमार : जून 2013 में डीआईजी स्टाम्प लगे, इसके बाद दो बार यहां लगे, अभी एडीएम सिटी के पद पर है।
– छोगाराम देवासी : अक्टूबर 2014 में उदयपुर में लगे देवासी तब से अभी तक यहीं है, अभी वे आबकारी विभाग में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर है।
– कविता पाठक : सितंबर 2002 में बीडीओ के पद पर बडग़ांव में लगी, उसके बाद से अब तक आठ बार उदयपुर जिले में ही लगाया गया, अभी एमपीयूएटी विवि में रजिस्ट्रार है।
– प्रभा गौतम : जून 2009 में ईजीएस भींडर में कार्यक्रम अधिकारी लगाया, इसके बाद तीन बार उदयपुर में लगाया गया, अभी वाणिज्यकर विभाग में उपायुक्त है।
– प्रियंका जोधावत : जुलाई 2016 में एमपीयूएटी में रजिस्ट्रार लगाया, इसके बाद से वे उदयपुर में ही है और अभी वे आरएससीईआरटी में निदेशक है।
– श्वेता फगेडिय़ा : मार्च 2011 में उदयपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक के पर आई, वापस बाहर स्थानांतरण, 2015 फिर उदयपुर में और उसके बाद कोटा गई, मार्च 21019 में वापस उदयपुर स्थानांतरण, अभी डीआईजी स्टांप के पद पर।
– ओकप्रकाश बुनकर : मई 2015 में एडीएम सिटी के पद पर लगे, बाद में यूआईटी ओएसडी लगे फिर जयपुर तबादला हुआ। अभी अक्टूबर 2019 से एडीएम प्रशासन के पद पर कार्यरत है।
– गोविंद सिंह राणावत : सितंबर 2007 में झाड़ोल में कार्यक्रम अधिकारी, इसके बाद चार बार उदयपुर जिले में रहे, इनमें अभी माणिक्यलाल वर्मा ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट में निदेशक है।
– सुदर्शन सिंह : अगस्त 2011 में सहायक सेटलमेंट ऑफिसर के पद पर लगे, इसके बाद एक बार राजसमंद गए और फिर से लगातार उदयपुर में, अभी अतिरिक्त निदेशक पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में।
– पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत : सब रजिस्ट्रार उदयपुर के पद पर आए पहली बार। इसके बाद सात बार उदयपुर में ही रहे, अभी उदयपुर यूआईटी में ओएसडी के पद पर है।
– रौनक बैरागी : फरवरी 2019 में उदयपुर में वाणिज्यकर विभाग में लगी और अभी आबकारी में अतिरिक्त आयुक्त है।
– विनय पाठक : दो बार यूआईटी ओएसडी रहे, अभी अगस्त 2020 में स्थानीय निकाय विभाग में उप निदेशक के पद पर है।
– तरु सुराणा : फरवरी 2017 में उदयपुर में आई, इसके बाद यूआईटी में एलएओ के पद लगी, अभी आरएसएमएम में है।
– जितेन्द्र कुमार पांडे : सितंबर 2009 में तहसीलदार रहे, इसके बाद से पांच बार उदयपुर जिले में रहे, जिसमें अभी पीएल (टीएडी) में उप निदेशक है।
– वार सिंह : सितंबर 2004 में एमएसओ के पद पर आए, इसके बाद से 9 बार यहां रहे, इसमें अभी यूआईटी में एलएओ के पद पर है।
– शैलेष सुराणा : जुलाई 2007 एनएआईबी तहसीलदार, इसके बाद सात बार उदयपुर में रहे, इसमें अभी जिला परिषद में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर है।
– अनिल कुमार शर्मा : जुलाई 2003 में मावली में तहसीलदार, इसके बाद सात बार उदयपुर में रहे, इसमें अभी नगर निगम में उपायुक्त के पद पर है।
– गोविंद सिंह : देवस्थान विभाग एवं गोगुंदा तहसील में तहसीलदार रहे, अभी ऋषभवेद में उपखंड अधिकारी है।
– सुरेश कुमार खटीक : जनवरी 2003 में नायब तहसीलदार, इसके बाद तीन बार उदयपुर में रहे, इसमें अभी टीएडी में उपायुक्त है।
– रागिनी डामोर : जुलाई 2019 में असिसटेंट सेटेलमेंट ऑफिसर रही, अभी एचसीएम रीपा में उप निदेशक है।
– नीलम लखारा : वर्ष 2018 में सहायक कलक्टर (प्रशिक्षक) के पर लगी, इसके बाद तीन बार उदयपुर में रही, अभी उपखंड अधिकारी गोगुंदा के पद पर है।
– दीपक मेहता : अगस्त 2007 में एनएआईबी तहसीलदार रहे, इसके बाद 6 बार उदयपुर रहे, अभी सहायक निदेशक लोक सेवाएं के पद पर है।
– मणिलाल तिरगर : सितंबर 2000 में झाड़ोल में तहसीलदार रहे, इसके बाद दो बार उदयपुर में रहे, अभी सलूंबर में उपखंड अधिकारी है।
– श्रवण सिंह राठौड़ : इससे पहले गिर्वा तहसीलदार रहे, अभी फरवरी 2021 से वल्लभनगर में उपखंड अधिकारी के पद पर लगे।
– ज्योति ककवानी : मार्च 2019 से यहां जिला रसद अधिकारी के पद पर है।
– हेमेन्द्र नागर : मार्च 2019 में उदयपुर आए, अभी जिला आबकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत है।
– ओपी जैन : सितंबर 2019 में यहां देवस्थान विभाग में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर लगाया गया है।
– सुभाषचंद हेमानी : अगस्त 2020 में सराड़ा में उपखंड अधिकारी के पर लगे।
– प्रमोद सिरवी : अगस्त 2020 में खेरवाड़ा में उपखंड अधिकारी लगे।
– साधुराम जाट : जनवरी 2021 में कोटड़ा उपखंड अधिकारी लगे।
– बिन्दुबाला राजावत : जनवरी 2021 में आईसीडीएस में उप निदेशक लगी।
(उक्त जानकारी कार्मिक विभाग की वेबसाइट के अनुसार)

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