scriptराजस्थान बीजेपी नहीं लेगी रिस्क, चारभुजा से हो सकता है मुख्यमंत्री वसुंधरा की यात्रा का आगाज ! | Rajasthan BJP will not take risk in suraj gaurav yatra, Udaipur | Patrika News
उदयपुर

राजस्थान बीजेपी नहीं लेगी रिस्क, चारभुजा से हो सकता है मुख्यमंत्री वसुंधरा की यात्रा का आगाज !

– भाजपा के अधिकांश नेताओं का जोर चारभुजा से अब तक जीतते आए, एक बार छोड़ा तब राज गया

उदयपुरJul 13, 2018 / 02:35 pm

madhulika singh

Vasundhara Raje
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जैसे ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहली अगस्त से सुराज गौरव यात्रा का कार्यक्रम तय हुआ तो भाजपा के अंदर ही अंदर मेवाड़ और चारभुजा के नाम उच्च शिखर पर चल रहे है कि इसका आगाज इसी धरती से होना चाहिए। वैसे मुख्यमंत्री की भी इच्छा चारभुजा है और पार्टी के छोटे से बड़े नेताओं ने संदेश दे दिया है कि चारभुजा का पुराना इतिहास उठाकर देख लीजिए। इससे पहले दोनों बार वहां से जीते थे और जब चारभुजा छोड़ा तो राज ही चला गया। यह अलग बात है कि स्थान को लेकर अंतिम मुहर आगामी दिनों में जयपुर में लगाई जाएगी। सुराज गौरव यात्रा के बाद उसके स्थान को लेकर भाजपा में तैयारियां चल रही है लेकिन सबकी जुबां पर जगह को लेकर अलग-अलग नाम आ रहे है लेकिन मेवाड़ से जयपुर तक एक संदेश अलग-अलग माध्यमों से संगठन व मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया है कि चारभुजा पार्टी के लिए बहुत लकी है इसलिए इस बार की यात्रा का आगाज मेवाड़ की धरती चारभुजा से किया जाए। उदयपुर के एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वयं भी चारभुजा का नाम ही तय करेगी लेकिन पार्टी अभी से इसलिए इस नाम को लेकर जोर दे रही है और ऊपर ये पता चले कि कार्यकर्ता की इच्छा भी चारभुजा ही है।
चारभुजा ऐसे शुभ है भाजपा के लिए –

वर्ष 2003 में वसुंधरा राजे ने परिवर्तन यात्रा का आगाज चारभुजा से किया तो पार्टी ने करीब 120 सीटें जीती थी। – वर्ष 2008 में भाजपा ने मेवाड़ को छोड़ दिया था, चारभुजा से चुनावी आगाज नहीं हुआ और उधर परिणाम भी पार्टी के विपरीत आया तो राजस्थान से भाजपा की सत्ता चली गई थी। भाजपा 78 सीटें ही प्रदेश में जीत पाई। – वर्ष 2013 में बतौर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने सुराज संकल्प यात्रा चारभुजा से ही शुरू की। तब भाजपा ने प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ 160 से ज्यादा सीटें जीती थी।
यह भी मानते मेवाड़ जीता मतलब राजस्थान जीता

भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पाटियां मानती है कि अगर मेवाड़ जो दल जीतता है सरकार भी उसी दल की प्रदेश में बनती है। वसुंधरा राजे के ही हर चुनाव में सबसे पहले और ज्यादा दौरें मेवाड़ में हुए है, सरकार में आने के बाद भी वे चारभुजा, नाथद्वारा, सांवरियाजी, त्रिपुरा सुंदरी, बेणेश्वर धाम आदि में होने वाले आयोजनों में शामिल होती है। कांग्रेस की तरफ से देखे तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी मेवाड़-वागड़ से बड़ा गहरा नाता रहा, गहलोत आयोजन हो या नहीं पर वे मेवाड़ को पूरा संभालते आए है, अभी भी गहलोत का मेवाड़ प्रेम कायम है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी इस चुनाव से पहले बांसवाड़ा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा करवा दी तो मेरा गौरव-मेरा बूथ भी उदयपुर में किया।

Home / Udaipur / राजस्थान बीजेपी नहीं लेगी रिस्क, चारभुजा से हो सकता है मुख्यमंत्री वसुंधरा की यात्रा का आगाज !

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो