शराब से कर्नाटक की कमाई देख राजस्थान में भी लगा रहे छूट के दांव
शराब से कर्नाटक की कमाई देख राजस्थान में भी लगा रहे छूट के दांव
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
कोरोना के ‘ग्रहण’ के चलते नीचे लुढक़े आबकारी राजस्व को वापस पटरी पर लाने के लिए विभाग बची दुकानों के सेटलेमेंट के साथ ही शराब से कमाई कर रहे राज्यों की पॉलिसी के अनुसार अपने यहां छूट व अन्य प्रावधान करने में जुटा है। अभी शराब में कमाई करने वाले कर्नाटक की पॉलिसी की तरह राजस्थान में भी छूट आदि दी जा रही है।आबकारी अधिकारियों का कहना है कि नई पॉलिसी कर्नाटक की तर्ज पर ही लागू की गई थी। कोरोना के चलते पॉलिसी का पूरा लाभ विभाग व ठेकेदारों को नहीं मिल पाया। कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा होने से अधिकांश लोगों ने शराब से दूरी बनाए रखी। इसके अलावा सुबह 11 बजे तक दूध के समय शराब की दुकान खुलने से लोग सुबह-सुबह दुकान पर भी नहीं चढ़े। यहीं कारण रहा कि आबकारी का राजस्व एकदम से गिर गया।–कर्नाटक व यूपी की पॉलिसी का किया अध्ययनविभागीय अधिकारियों ने शराब से राजस्व छलकाने वाले राज्यों कर्नाटक व यूपी की पॉलिसी का अध्ययन किया तो पता चला कि वहां दुकानों को चलाने के लिए गारंटी व ड्यूटी घटाई गई। विभाग ने अपने यहां भी यही फामूर्ला अपनाया लेकिन उम्मीद से ज्यादा परिणाम नहीं मिले। अब विभाग वापस दुकानों के सेटलमेंट में जुटा है।
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ठेकेदार आ रहे दुकानों के लिए
गारंटी राशि कम करने के बावजूद अभी राजस्थान में 717 दुकानें बाकी बची हुई है। इनमें से सर्वाधिक श्रीगंगानगर की 113 व उदयपुर 73 दुकानें शामिल है। सभी दुकानों के सेटलमेंट के लिए आबकारी विभाग ने फिर से दांव खेलते हुए नए सिरे से आवेदन मांगे थे। ठेकेदार इन दुकानों पर राजस्व की गणित बिठाते हुए दांव लगा रहे हंै। गौरतलब है कि आबकारी विभाग ने इस बार राज्य की समस्त 7665 दुकानों की ई-नीलामी करते हुए खुली बोली लगाई थी, इनमें करीब 30 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन कुछ दुकानें रह गई जिन पर अभी वापस बोली लगाई जा रही है।
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