सीख- जीवन में व्यक्ति को आत्मविश्वासी होना बहुत जरूरी है। जब तक आत्मविश्वास होगा तब तक व्यक्ति बड़े से बड़ा पहाड़ तोडऩे में भी सक्षम होता है और आत्मविश्वास नहीं हो तो छोटे से छोटा काम भी पहाड़ के समान लगता है। यह बात सफलता में बाधक बनती है।
2. सकारात्मक रवैया- श्रीराम को जब वनवास , सीता हरण, रावण के युद्ध के समय सीता के अपहरण की जानकारी हुई तो ने विपरीत परिस्थितियों में भी नकारात्मकता अपने अंदर नहीं पनपने दी। उन्होंने इसका सामना सकारात्मक सोच के साथ किया, इसी खूबी ने ही उनको सफलता दिलाई। सीता त्याग के समय राजयोग के प्रति सकारात्मक सोच रखी।
3. सौम्य व संयमित व्यवहार- श्रीराम अपने से बड़ों को जितना सम्मान दिया करते थे, उतना ही सम्मान व प्यार छोटों को भी दिया करते थे। उनके लिए सभी व्यक्ति समान थे। उन्हें राजा होने का भी अहम नहीं था। ना ही किसी भी बात पर वे क्रोध किया करते थे। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।
सीख- व्यक्ति को सभी परिस्थितियों में और सभी से एक सा व्यवहार बनाए रखना चाहिए।
4. धैर्य – सीता स्वयंवर के दौरान श्रीराम के द्वारा शंकर का धनुष तोडऩे के बाद जब परशुराम क्रोधित होकर आते हैं तब बहुत धैर्य धारण किए हुए संयमित रहते हैं। सीता हरण के समय बहुत दु:खी व विचलित होने के बावजूद वे खुद को बहुत संयमित रखते हैं।
5. अनुशासन- श्रीराम ने हमेशा अनुशासित जीवन जीया। वे स्वयं अनुशासित रहे और भाई व माताओं को भी अनुशासित रहने की शिक्षा दी।
सीख- जीवन में अनुशासन की पालना मानव को श्रेष्ठ बनाती है।
सीख- कोई बड़ा हो या छोटा सभी के साथ मर्यादित बातचीत एक सुखद परिणाम देती है। इससे मनभेद व मतभेद जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
8. पंक्चुएलिटी- जब श्रीराम को पिता ने 14 साल की वनवास की आज्ञा दी तो वे बिना समय गवाए वनवास के लिए प्रस्थान कर गए, जबकि उस समय दोनों छोटे भाई भरत-शत्रुघ्न ननिहाल गए हुए थे और अपने भाइयों के लौटने तक का इंतजार उन्होंने नहीं किया।
9. आकर्षक व्यक्तित्व- जब श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया तो बाल श्रीराम के आकर्षक व्यक्तित्व की चर्चा दूर-दूर तक फैल गई। जैसे-जैसे वे बढ़े हुए, वैसे-वैसे उनका व्यक्तित्व और अधिक आकर्षक हो गया। जब वे सीता के स्वयंवर में गए तब सीता ने उन्हें बाग में देखते ही वर रूप में चुन लिया था।
सीख- अगर आपकी पर्सनेलिटी इम्प्रेसिव है तो आप किसी को भी इम्प्रेस कर सकते हैं। पहला प्रभाव आकर्षक व्यक्तित्व का ही पड़ता है। कहा भी जाता है, फस्र्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन। पर्सनेलिटी को अट्रेक्टिव बनाने में ड्रेसिंग सेंस भी अहम होता है।
10. निर्णय क्षमता- श्रीराम ने अपने जीवन में बहुत कठोर निर्णय लिए। उन्होंने सुग्रीव की मदद कर बाली से दुश्मनी ले ली थी, वहीं विभीषण का राजतिलक करना व सीता का त्याग राजधर्म के लिए करना भी निर्णय क्षमता के उदाहरण हैं।