उदयपुर के जंगलों में स्लॉथ बीयर के होने की पुष्टि होने के बाद अब नजर आई दुर्लभ्र एरिथ्रिज्म मादा गौरेया
बेदला गांव में गहरे नारंगी /लाल रंग के साथ दुर्लभ एरिथ्रिज्म मादा गौरेया दिखाई दी
उदयपुर. शहर के लिए खुशखबर है कि यहां एक दुर्लभ गौरेेया दिखाई दी हैै। इससे पूर्व उदयपुर में भालुओं के होने की जानकारी भी सामने आई है। शहर के जंगलों में स्लॉथ बीयर के पंजे के निशान मिले हैं। अब इसके बाद बेदला गांव में गहरे नारंगी /लाल रंग के साथ दुर्लभ एरिथ्रिज्म मादा गौरेया दिखाई दी । विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक आनुवांशिक उत्परिवर्तन है।
आम तौर पर मादा गौरेया हल्के भूरे रंग के होते हैं और नर चमकीले काले, सफेद और भूरे रंग के निशान होते हैं, लेकिन एरिथ्रिज्म प्रजातियां असामान्य नारंगी/लाल पंख के साथ बदल जाती है। एरिथ्रिज्म या एरिथ्रोक्रोइज्म एक पक्षी के फर, बाल, त्वचा, पंख या अंडे के छिलके के एक असामान्य लाल रंग के रंजकता को संदर्भित करता है। एरिथ्रिज्म के कारणों में आनुवाशिक उत्परिवर्तन शामिल है । इस गौरेया की तस्वीर उदयपुर के बेदला गांव में 12 वर्षीय वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर निरामय उपाध्याय द्वारा खींची गई। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही शहर के समीप बाघदड़ा के आगे जांभेश्वरजी वन क्षेत्र में स्लॉथ भालू की उपस्थिति के प्रमाण भी मिले हैं।
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