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उदयपुर

VIDEO : राजीनामे पर झलकी खुशी, हाथ थाम फिर लौटे घर, जानें कैसे निपटाएं जाते हैं लोक अदालत में मामले…

– राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 2273 प्रकरण

उदयपुरJan 13, 2019 / 07:22 pm

Sikander Veer Pareek

मोहम्मद इलियास/उदयपुर. किसी ने अपना गिला शिकवा दूर किया तो कोई अडय़ल रवैये से अड़ा रहा। किसी ने राशि देकर निपटारा करवाया तो कोई लिखित समझौते पर रजामंद हुआ। समझौता होते ही कुछ ने तो हाथ जोड़े और यहां तक कहा कि भगवान बचाए इन पचड़ों से। इतना ही नहीं मतभेदों से दाम्पत्य जीवन में आई दूरियों में मौका मिलते ही पति पत्नी ने परिजनों के सामने दिल का गुबार निकाला और समझाइश के बाद एक दूसरे का हाथ थामकर वापस हंसी खुशी गृहस्थी में लौटे। मौका था अदालत परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का। अदालत में राजीनामे के लिए एक साथ 15 हजार प्रकरण रखे गए, इनमें से 2273 प्रकरणों का निस्तारण कर 34.62 करोड़ के अवार्ड पारित किए गए। इन प्रकरणों में सबसे अच्छी बात 109 प्रकरण पारिवारिक मामलों के निपटे। वाहन दुघर्टना दावा अधिकरण द्वितीय न्यायालय में एक प्रकरण में 63 लाख व तीन अन्य मामलों में 35-35 लाख के अवार्ड पारित किए। इस तरह एमएसीटी न्यायालयों कुल 3 करोड़ के आवार्ड पारित हुए। राजीनामे से निपटाए गए इन प्रकरणों में 10 वर्ष पुराने 40 तथा 5 वर्ष से पुराने 100 से अधिक प्रकरण शामिल थे। इनमें एक बरसों से लंबित 48 लाख का वसूली वाद का भी लोक अदालत की भावना से निपटा हो गया।
प्रि-लिटिगेशन के 550 प्रकरणों का भी निस्तारण कर 19.45 लाख रुपए के अवार्ड पारित हुए। जिला एवं सेशन न्यायाधीश रवीन्द्र माहेश्वरी ने बताया कि लोक अदालत के निस्तारण के लिए उदयपुर न्याय क्षेत्र में 37 बैंचों का गठन किया गया। बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी पूरा सहयोग देते हुए पक्षकारों से समझाइश की।
अस्पताल में बने मंदिर का भी राजीनामा
सिविल न्यायालय में पूर्बिया कलाल परिषद द्वारा मंदिर के संबंध में महाराणा भूपाल अस्पताल के विरूद्ध दायर वाद का भी राजीनामे से निस्तारण हो गया। प्रकरण में न्यायालय ने दोनों पक्षकारों के मध्य कुछ शर्तो के अधीन राजीनामा करवाया। इनमें अस्पताल में निर्माणाधीन सुपर स्पेशलियटी की ड्राइंग के अनुसार चारों ओर सडक़ व दो पाथवे के बाद बनने वाले फ्लोर पर समाज के लोग पूजा अर्चना के लिए जा सकेंगे लेकिन उक्त परिसर में पक्का निर्माण नहीं करवाएंगें। मौके पर 6 इंच का फ्लोर समाज स्वयं अपने स्तर पर निर्मित करवाएंगा।
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रिद्धिमा शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयो में लंबित प्रकरण के अलावा प्री-लिटिगेशन स्टेज पर लोन मामले एवं अन्य प्रकरणों का भी हाथों-हाथ निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक एवं अन्य सरकारी विभागों के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण भी उदयपुर जिला न्यायालय परिसर में मौजूद रहे। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी बैंक लोन एवं अन्य बकाया भुगतान को चुकाने एवं हमेशा के लिए कोर्ट कचहरी से छुटकारे के लिये पक्षकारों को अधिकाधिक रियायत दी। कई पक्षकारों ने प्रि-लिटिगेशन लोक अदालत की बैंच में अपने मामलों का निस्तारण करवाया। सचिव शर्मा ने जानकारी दी कि लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर सिविल मामलों में न्यायालय फीस वापस लौटाई जाती है तथा पक्षकार शीघ्र न्याय प्राप्त कर मुकदमेबाजी के तनाव से मुक्त होते है।
-10 वर्ष पुराने प्रकरण- 40
-5 वर्ष पुराने प्रकरण-100

-एमएसीटी के अवार्ड- करीब 3 करोड़
– 48 लाख की वसूली का निस्तारण

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