प्राचीन मूर्तिकला की वास्तविक झलक अजन्ता एलोरा गुफाओं में
world heritage week विश्व विरासत सप्ताह के तहत भारतीय मूर्ति कला पर राष्ट्रीय कार्यशाला
उदयपुर•Nov 21, 2019 / 01:59 am•
Pankaj
प्राचीन मूर्तिकला की वास्तविक झलक अजन्ता एलोरा गुफाओं में
उदयपुर . विश्व विरासत सप्ताह के तहत भारतीय मूर्ति कला पर राष्ट्रीय कार्यशाला में बुधवार को प्रो. ललित पाण्डेय ने कहा कि भारतीय मूर्तिकला, चित्रकला और वास्तुकला भी इससे अछूती नहीं रही। भारतीय मूर्तियों के अंकन में भारतीय चिन्तन परम्परा की व्यापकता, गहनता, लोकविश्वास तथा विविध धार्मिक और सामाजिक विश्वासों की महती भूमिका रही है।
प्रो. पाण्डेय राजस्थान विद्यापीठ विवि Rajasthan vidhyapeeth के साहित्य संस्थान, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जोधपुर, सुविवि के इतिहास विभाग और उद्भव ट्रस्ट की ओर से आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे। मुख्य वक्ता डेक्कन कॉलेज के प्रो. श्रीकांत प्रधान ने कहा कि प्राचीन भारतीय मूर्तिकला तथा चित्रकला की वास्तविक झलक अजन्ता एलोरा गुफाओं में दिखाई देती है। इस शैली का विकास शुंग, कुषाण, गुप्त, वाकाटक एवं चालुक्य वंशीय राजाओं के काल में हुआ। साथ ही अमरावती की मूर्तिकला का सातवाहन शासकों के संरक्षण प्राप्त था। सफेद संगमरमर की मूर्तियों में बौद्ध का प्रभाव देखने को मिलता था। भारतीय मूर्तिकला व चित्रकारी में भारतीय संस्कृति की भांति ही प्राचीन काल से लेकर आज तक एक विशेष प्रकार की एकता के दर्शन होते है। प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ. कुलशेखर व्यास मौजूद थे।
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