सीएमएचओ डॉ खराड़ी ने बताया कि क्लिनिकल एक्ट में निहित प्रावधानों के अनुसार अस्पताल में दर्शाए गई बेड क्षमता, चिकित्सको की उपलब्धता एवं अन्य तथ्यों की जाँच हेतु जिला कलेक्टर द्वारा जाँच दल गठित किया गया था। जाँच रिपोर्ट में उक्त अस्पताल में चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति से लेकर अन्य कई गंभीर अनियमितताएं पाई गई। जिसके आधार पर अस्पताल द्वारा न्यूनतम मानकों की पालना नही करना पाये जाने पर एक्ट के तहत पंजीकरण निरस्तीकरण की कार्रवाई की गई है। इसके पश्चात अस्पताल द्वारा किसी भी प्रकार के मरीज का इलाज नही किया जा सकेगा, जिसकी जानकारी अस्पताल के मुख्य द्वार पर चस्पा कर दी गई है, साथ ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा भर्ती मरीजों को पर्याप्त चिकित्सकीय उपलब्धता नहीं करवाने व इलाज के दौरान लापरवाही बरतने एवं मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के कारण अस्पताल के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई है।डॉ खरा ने बताया कि उक्त अस्पताल की आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत मान्यता निरस्त करने हेतु भी राज्य स्तर पर आवश्यक कार्यवाही के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया गया है।कार्यवाही के दौरान संयुक्त निदेशक चिकित्सा विभाग उदयपुर जोन द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अस्पताल में संचालित सोनोग्राफी मशीन को भी सीज कर दिया गया है।